





नरसिंह
Narasimha
(Man-lion avatar of Hindu god Vishnu)
Summary
नरसिंह अवतार: विस्तृत विवरण (हिंदी में)
नरसिंह, जिसका अर्थ है "नर-सिंह", भगवान विष्णु के दस अवतारों में से चौथा अवतार है। यह अवतार आधा सिंह और आधा मनुष्य के रूप में धार्मिक अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए हिरण्याक्ष के अत्याचारी भाई हिरण्यकश्यपु का वध करने के लिए हुआ था।
नरसिंह का स्वरूप और महत्व:
- नरसिंह को अक्सर तीन आँखों वाले शक्तिशाली रूप में चित्रित किया जाता है।
- वैष्णव धर्म में उन्हें संहार के देवता के रूप में वर्णित किया गया है, जो महाप्रलय के समय पूरे ब्रह्मांड का संहार करते हैं।
- उन्हें 'काल', 'महाकाल' या 'परकाल' भी कहा जाता है। मैसूरु में श्री वैष्णव परंपरा में 'परकाल मठ' नाम से एक मठ उनके नाम पर समर्पित है।
- योग-नरसिंह के रूप में उन्हें योग के देवता के रूप में भी पूजा जाता है।
हिरण्यकश्यपु का वध:
नरसिंह अवतार की कथा हिरण्यकश्यपु के अत्याचार और उसके पुत्र प्रह्लाद की भक्ति से जुडी है। हिरण्यकश्यपु को ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त था कि उसे न तो दिन में मारा जा सकता है, न रात में, न घर के भीतर और न ही बाहर, न ही आकाश में और न ही पाताल में, न ही किसी अस्त्र से और न ही किसी मनुष्य, देवता, दानव या पशु द्वारा। इस वरदान के कारण उसने तीनों लोकों में हाहाकार मचाना शुरू कर दिया था और विष्णु भक्तों पर अत्याचार करने लगा था, जिसमें उसका अपना पुत्र प्रह्लाद भी शामिल था।
हिरण्यकश्यपु के वरदान को ध्यान में रखते हुए, विष्णु ने नरसिंह का रूप धारण किया जो न तो पूरी तरह से मनुष्य था और न ही पूरी तरह से जानवर। उन्होंने संध्या के समय, जो न दिन होता है और न रात, हिरण्यकश्यपु को अपने घर के द्वार पर, जो न तो अंदर होता है और न ही बाहर, अपनी गोद में उठाकर अपने नाखूनों से चीरकर मार डाला।
नरसिंह का महत्व:
- नरसिंह को 'महान रक्षक' के रूप में जाना जाता है जो विशेष रूप से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
- नरसिंह अवतार भक्ति और विश्वास का प्रतीक है।
- वैष्णव धर्म में नरसिंह एक प्रमुख देवता हैं और उनकी कथाओं का बहुत महत्व है।
- कई क्षेत्रीय हिंदू मंदिरों, ग्रंथों, प्रदर्शन कलाओं और त्योहारों, जैसे होली, में उनका उत्सव मनाया जाता है।
प्राचीन कलाकृतियां:
- नरसिंह की सबसे पुरानी ज्ञात कलाकृतियाँ 4 वीं शताब्दी ईस्वी की हैं, जो तटीय आंध्र में कोंडामोटू से प्राप्त हुई हैं।
- उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में कई अन्य स्थलों पर नरसिंह की प्राचीन कलाकृतियाँ मिली हैं, जैसे मथुरा पुरातात्विक स्थल।
- इन्हें 2री और 4 थी शताब्दी ईस्वी के बीच का माना जाता है।
नरसिंह अवतार हमें सिखाता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, सच्चाई और अच्छाई की हमेशा जीत होती है।