स्वाहा

Svaha

(Hindu goddess of sacrifices and a Vedic invocation)

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स्वाहा: अग्नि की पत्नी, यज्ञ की देवी

"स्वाहा" संस्कृत शब्द का अर्थ है "अच्छी तरह से कहा" या "शुभ समापन"। हिंदू धर्म में, स्वाहा सिर्फ़ एक शब्द नहीं बल्कि एक देवी का नाम भी है। वे अग्नि देव की पत्नी और यज्ञ की देवी मानी जाती हैं।

स्वाहा का जन्म:

  • कुछ ग्रंथों में उन्हें दक्ष प्रजापति की पुत्री बताया गया है।
  • कुछ अन्य ग्रंथों में उन्हें ब्रह्मा जी के पुत्र, बृहस्पति की पुत्री बताया गया है।

स्वाहा का महत्व:

  • ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, स्वाहा प्रकृति का ही एक रूप हैं। प्रकृति के बिना अग्नि टिक नहीं सकती।
  • यज्ञ में जब हवन सामग्री अग्नि में डाली जाती है, तब "स्वाहा" शब्द का उच्चारण किया जाता है।
  • यह माना जाता है कि "स्वाहा" के उच्चारण से ही हवन सामग्री देवताओं तक पहुँचती है।
  • ऋग्वेद में, "स्वाहा" शब्द का अर्थ "अग्नि या इंद्र को अर्पित आहुति" भी है।

स्वाहा का उच्चारण:

हिंदू और बौद्ध धर्म दोनों में ही मंत्रों के अंत में "स्वाहा" शब्द का उच्चारण किया जाता है। यह शब्द यज्ञ और पूजा के दौरान मंत्रों के साथ जुड़ा हुआ है।

अन्य भाषाओं में स्वाहा:

"स्वाहा" शब्द का उच्चारण विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग तरीके से होता है:

  • खमेर: ស្វាហា
  • थाई: สวาหะ
  • चीनी: 薩婆訶 (sà pó hē)
  • जापानी: sowaka
  • तिब्बती: སྭཱ་ཧཱ་ (sw'a h'a)
  • कोरियाई: 사바하 (sabaha)
  • वियतनामी: ta bà ha

स्वाहा का चरित्र हमें यज्ञ और पूजा के महत्व को समझाता है। वे हमें प्रकृति और दिव्य शक्तियों के बीच सामंजस्य बनाने की प्रेरणा देती हैं।


Svaha, also referred to as Manyanti, is the Hindu goddess of sacrifices featured in the Vedas. She is the consort of Agni, and the daughter of either Daksha or Brihaspati, depending on the literary tradition. According to the Brahmavaivarta Purana, she is an aspect of Prakriti (nature), an element without which Agni cannot sustain.



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