





देवकी
Devaki
(Mother of Hindu god Krishna)
Summary
देवकी : कृष्ण की माँ
देवकी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण चरित्र हैं, जिन्हें भगवान कृष्ण की माता होने के लिए जाना जाता है। वह यदु वंश के राजा देवक की सात बेटियों में से एक थीं और उनके चार भाई थे। वह वसुदेव की पत्नी थीं। उनके चचेरे भाई कंस, मथुरा के राजा, एक क्रूर अत्याचारी थे जिन्हें नारद ने बताया था कि वह अपने पिछले जन्म (कलनेमि) में विष्णु द्वारा मारे गए एक असुर थे, जिससे उनकी दुष्टता और बढ़ गई।
प्रारंभिक जीवन और विवाह:
देवकी का जन्म राजा देवक और उनकी पत्नी के यहाँ हुआ था। उनके छह भाई थे और उनका पालन-पोषण बड़े लाड-प्यार से हुआ था। बाद में उनका विवाह शूरवीर और न्यायप्रिय राजा वसुदेव से हुआ।
कंस का अत्याचार और भविष्यवाणी:
देवकी और वसुदेव के विवाह के समय, देवकी के चचेरे भाई कंस ने मथुरा पर कब्जा कर लिया था। कंस एक क्रूर और अत्याचारी शासक था। उसे आकाशवाणी द्वारा पता चला कि देवकी की आठवीं संतान उसकी मृत्यु का कारण बनेगी।
कारागार में जीवन और कृष्ण का जन्म:
भविष्यवाणी से डरकर, कंस ने देवकी और वसुदेव को कारागार में डाल दिया। कंस ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए देवकी की सात संतानों को जन्म लेते ही मार डाला।
आठवीं संतान के रूप में कृष्ण का जन्म हुआ। दैवीय हस्तक्षेप से, वसुदेव नवजात कृष्ण को कारागार से सुरक्षित गोकुल में नंद और यशोदा के यहाँ पहुँचाने में सफल रहे।
कृष्ण द्वारा कंस का वध:
कृष्ण गोकुल में पले-बढ़े और बड़े होकर उन्होंने कंस का वध करके अपनी माता देवकी और पिता वसुदेव को कारागार से मुक्त कराया।
देवकी का महत्व:
देवकी को मातृत्व और त्याग की मूर्ति माना जाता है। उन्होंने अपने पुत्र कृष्ण के लिए बहुत कष्ट सहे। वह हिंदू धर्म में एक आदर्श माता का प्रतीक हैं।
अन्य मान्यताएँ:
लोकप्रिय परंपरा के अनुसार, देवकी को अदिति का अवतार माना जाता है, जो एक देवी और दक्ष की पुत्री तथा कश्यप की पत्नी थीं।