





अपम नापत
Apam Napat
(Deity in the Indo-Iranian pantheon)
Summary
अपां नपात: जल के देवता (विस्तृत विवरण हिंदी में)
अपां नपात, एक प्राचीन भारतीय-ईरानी देवता हैं, जिनका संबंध जल से है। उनका नाम संस्कृत में अपां नपात और अवेस्तान भाषा में अप॓ नपात है, जिसका अर्थ है "जल का पुत्र"। 'नपात' शब्द का अर्थ "पोता", "वंशज" होता है, जो लैटिन शब्द 'नेपोस' और अंग्रेजी शब्द 'नेफ्यू' से मिलता-जुलता है। ऋग्वेद में, उन्हें सभी चीजों के निर्माता के रूप में वर्णित किया गया है। माना जाता है कि यह नाम प्रोटो-इंडो-यूरोपियन भाषा के "हेपोम नेपोट्स" से लिया गया है।
ऋग्वेद में यह स्पष्ट है कि 'अपां नपात' का प्रयोग एक उपाधि के रूप में किया गया है, न कि एक उचित नाम के रूप में। यह उपाधि अक्सर अग्नि, अग्नि के देवता, और कभी-कभी सूर्य के देवता सावित्री को दी जाती है। विद्वान बॉयस ने वैदिक और अवेस्तान दोनों परंपराओं के अपां नपात और वरुण के बीच एक संबंध बताया है। वरुण को भी "जल का पुत्र" कहा जाता है और उन्हें समुद्र का देवता माना जाता है।
ईरानी परंपरा में, उन्हें बुर्ज़ ("ऊँचा", फ़ारसी: برز) भी कहा जाता है और उन्हें यज़द माना जाता है।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- अपां नपात एक प्राचीन देवता हैं जिनकी पूजा भारत और ईरान दोनों में होती थी।
- उनका नाम "जल का पुत्र" है, जो उनके जल से गहरे संबंध को दर्शाता है।
- ऋग्वेद में उन्हें सृष्टिकर्ता के रूप में वर्णित किया गया है, लेकिन अक्सर यह नाम अग्नि देव के लिए भी प्रयोग होता है।
- ईरानी परंपरा में उन्हें "बुर्ज़" कहा जाता है और एक यज़द माना जाता है।
यह दर्शाता है कि प्राचीन समय में जल को कितना महत्वपूर्ण माना जाता था और अपां नपात, जल के देवता, की पूजा कितनी व्यापक थी।