





महाविद्या
Mahavidya
(Group of ten Hindu goddesses)
Summary
महाविद्या: दस तांत्रिक देवियाँ और उनकी महत्ता (हिंदी में विस्तृत विवरण)
महाविद्या, जिसका अर्थ है "महान ज्ञान", दस हिंदू तांत्रिक देवियों का एक समूह है। ये देवियाँ शक्ति की दस अलग-अलग अभिव्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो ब्रह्मांड की आदि शक्ति हैं। महाविद्याओं का उद्भव शक्तिवाद के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक है, क्योंकि यह शक्तिवाद में भक्ति पहलू के उदय का प्रतीक है, जो 1700 ईस्वी में अपने चरम पर पहुँच गया था।
महाविद्याओं के नाम और क्रम:
महाविद्याओं को आमतौर पर निम्नलिखित क्रम में नामित किया जाता है, हालाँकि यह क्रम ग्रंथों और परंपराओं के अनुसार भिन्न हो सकता है:
- काली: समय, परिवर्तन और विनाश की देवी
- तारा: मुक्ति और आध्यात्मिक शक्ति की देवी
- त्रिपुर सुंदरी: सौंदर्य, प्रेम और आनंद की देवी
- भुवनेश्वरी: ब्रह्मांड की रचनात्मक शक्ति की देवी
- भैरवी: क्रोध, शक्ति और प्रलय की देवी
- छिन्नमस्ता: त्याग, बलिदान और मोक्ष की देवी
- धूमावती: विधवा, निराशा और अशुभ की देवी
- बगलामुखी: शत्रुओं का नाश करने वाली, वाक् सिद्धि और स्तम्भन शक्ति की देवी
- मातंगी: संगीत, कला और ज्ञान की देवी
- कमला: धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी
महाविद्याओं का उद्भव और महत्व:
महाविद्याओं का विकास छठी शताब्दी ईस्वी के आसपास, गुप्त काल के बाद हुआ। यह एक नया आस्तिक आंदोलन था जिसमें सर्वोच्च सत्ता को स्त्री के रूप में देखा गया था। देवी भागवत पुराण जैसे ग्रंथ, विशेष रूप से इसके सातवें स्कंध के अंतिम नौ अध्याय (31-40), जिन्हें देवी गीता के रूप में जाना जाता है, इस तथ्य का प्रमाण हैं और जल्द ही शक्तिवाद के केंद्रीय ग्रंथ बन गए।
महाविद्याओं की पूजा:
महाविद्याओं की पूजा तांत्रिक परंपराओं में की जाती है, जो मुक्ति के लिए शक्ति की शक्ति का उपयोग करने पर केंद्रित हैं। प्रत्येक महाविद्या के अपने विशिष्ट मंत्र, यंत्र और पूजा विधान हैं।
महाविद्याओं का दार्शनिक महत्व:
महाविद्याएं न केवल देवियाँ हैं, बल्कि वे ब्रह्मांड की दस दिव्य शक्तियों का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। इनके माध्यम से साधक अपने भीतर छिपी शक्ति और क्षमता को पहचानता है और मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।
महाविद्याओं का समावेश:
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि महाविद्याओं का गठन विभिन्न और विविध धार्मिक परंपराओं को शामिल करता है जिसमें योगिनी पूजा, शैव धर्म, वैष्णव धर्म और वज्रयान बौद्ध धर्म शामिल हैं।
महाविद्याएं भारतीय धार्मिक परंपराओं, विशेषकर तांत्रिक परंपराओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।