





वायु
Vayu
(Hindu god of the wind)
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वायु देव: हवा के देवता और देवताओं के दूत
वायु, जिन्हें वता और पवन भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में हवाओं के देवता और देवताओं के दिव्य दूत हैं।
वेदों में महत्वपूर्ण देवता:
- वेदों में, वायु एक महत्वपूर्ण देवता हैं और देवराज इंद्र के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं।
- कहा जाता है कि उनका जन्म परमेश्वर विश्वरूप की श्वास से हुआ था और वे सोम रस पीने वाले पहले देवता थे।
- उपनिषदों में उनकी स्तुति प्राण या 'विश्व की जीवन श्वास' के रूप में की गई है।
दिशा के रक्षक:
- बाद के हिंदू ग्रंथों में, उन्हें एक दिक्पाल (दिशा के संरक्षक) के रूप में वर्णित किया गया है, जो उत्तर-पश्चिम दिशा की देखरेख करते हैं।
महाकाव्यों में पिता:
- हिंदू महाकाव्यों में उन्हें भगवान हनुमान और भीम के पिता के रूप में वर्णित किया गया है।
माधव सम्प्रदाय में:
- 13 वीं शताब्दी के संत माधव के अनुयायी अपने गुरु को वायु का अवतार मानते हैं।
- वे वायु देवता की मुख्य प्राण के रूप में पूजा करते हैं और उन्हें भगवान विष्णु का पुत्र मानते हैं।
विस्तार से:
- वायु देवता को अक्सर शक्तिशाली और तेजस्वी रूप में चित्रित किया जाता है।
- वे दो या अधिक घोड़ों द्वारा खींचे गए सुनहरे रथ पर सवार होते हैं।
- उनके हाथों में धनुष-बाण और पताका होती है।
- वे प्रकृति की शक्ति और जीवनदायिनी श्वास का प्रतीक हैं।
- वायु पुराण, एक प्रमुख हिंदू धार्मिक ग्रंथ, वायु देवता को समर्पित है।
- यह ग्रंथ उनके जन्म, कार्यों और महत्व का विस्तृत वर्णन करता है।
निष्कर्ष:
वायु, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं जो जीवन, शक्ति और गति का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और मनुष्यों और देवताओं दोनों के लिए पूजनीय हैं।
Vayu, also known as Vata and Pavana, is the Hindu god of the winds as well as the divine messenger of the gods. In the Vedic scriptures, Vayu is an important deity and is closely associated with Indra, the king of gods. He is mentioned to be born from the breath of Supreme Being Vishvapurusha and also the first one to drink Soma. The Upanishads praise him as Prana or 'life breath of the world'. In the later Hindu scriptures, he is described as a dikpala, who looks over the north-west direction. The Hindu epics describe him as the father of the god Hanuman and Bhima.