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देव (हिंदू धर्म)
Deva (Hinduism)
(Male celestial being in Hinduism)
Summary
देव: हिन्दू धर्म में दिव्य शक्तियों का वर्णन
देव एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है "चमकदार", "उन्नत", "स्वर्गीय प्राणी", "दिव्य प्राणी", "उत्कृष्टता की कोई भी वस्तु"। हिन्दू धर्म में देवताओं को इंगित करने के लिए प्रयुक्त संस्कृत शब्दों में से एक "देव" भी है। यह शब्द लैटिन शब्द "deus" (ईश्वर) और ग्रीक शब्द "Zeus" का सजातीय है।
देव शब्द पुल्लिंग है, स्त्रीलिंग में इसका रूप देवी है।
प्राचीन वैदिक साहित्य में, सभी अलौकिक प्राणियों को देव और असुर कहा जाता था। प्राचीन भारतीय साहित्य में इन अवधारणाओं और किंवदंतियों का विकास हुआ। उत्तर वैदिक काल तक, परोपकारी अलौकिक प्राणियों को देव-असुर कहा जाने लगा।
पुराणों और इतिहासों जैसे उत्तर-वैदिक हिंदू ग्रंथों में, देव अच्छाई का प्रतिनिधित्व करते हैं और असुर बुराई का। कुछ मध्ययुगीन भारतीय साहित्यिक कृतियों में, देवों को सुर भी कहा गया है और उनकी तुलना उनके समान शक्तिशाली लेकिन दुष्ट सौतेले भाइयों असुरों से की गई है।
देव, असुर, यक्ष (प्रकृति आत्माएं) और राक्षस (भयानक राक्षस / दानव) भारतीय पौराणिक कथाओं का हिस्सा हैं। हिंदू धर्म में कई ब्रह्माण्ड संबंधी सिद्धांतों में देव प्रमुखता से नज़र आते हैं।
Details in Hindi:
- देव शब्द की उत्पत्ति: यह शब्द संस्कृत की 'दिव' धातु से बना है जिसका अर्थ है - प्रकाशित होना, चमकना, क्रीड़ा करना, आनंदित होना। देवता अपने तेज से प्रकाशित होते हैं, इसलिए उन्हें देव कहा जाता है।
- देवताओं के गुण: देवता अमर, शक्तिशाली, ज्ञानी और न्यायप्रिय होते हैं। वे मनुष्यों की रक्षा करते हैं और उन्हें धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
- प्रमुख देवता: हिन्दू धर्म में तीन प्रमुख देवता हैं - ब्रह्मा, विष्णु और महेश।
- देवताओं का निवास स्थान: देवता स्वर्ग लोक में निवास करते हैं।
- देवताओं की पूजा: मनुष्य देवताओं की पूजा अर्चना, ध्यान, यज्ञ आदि धार्मिक अनुष्ठानों द्वारा करते हैं।
मुख्य बिंदु:
- देवों और असुरों में निरंतर संघर्ष चलता रहता है जो अच्छाई और बुराई के बीच संघर्ष का प्रतीक है।
- देवता मनुष्यों के लिए आदर्श होते हैं और उन्हें सदाचार का पालन करने के लिए प्रेरित करते हैं।
- भारतीय संस्कृति में देवताओं का महत्वपूर्ण स्थान है और उनकी पूजा हजारों वर्षों से चली आ रही है।