विजयदुर्ग

Vijayadurga

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विजयदुर्गा: देवी का एक शक्तिशाली स्वरूप

विजयदुर्गा एक ऐसी हिंदू देवी हैं जिनका भारतीय संस्कृति और परंपरा में विशेष महत्व है। कहा जाता है कि उन्होंने भगवान शिव और विष्णु के बीच हुए एक युद्ध में हस्तक्षेप किया था। इसके बाद वह सांकवली गईं और वहां ब्राह्मणों को परेशान करने वाले राक्षसों का वध किया। सांकोले के सभी राक्षसों को नष्ट करने के कारण उन्हें विजया नाम दिया गया और इस प्रकार वे विजयदुर्गा कहलाईं। यह नाम विजयी होने के गुण को दर्शाता है।

विजयदुर्गा, देवी दुर्गा का ही एक रूप हैं जो शक्ति और विजय का प्रतीक हैं। पहले उनका मंदिर सांकोले में श्री शंकलेश्वरी शांतादुर्गा और श्री लक्ष्मीनरसिंह के मंदिरों के पास स्थित था। लेकिन बाद में इसे गोवा के पोंडा तालुका के केरीम में स्थानांतरित कर दिया गया।

कुछ अतिरिक्त जानकारी:

  • विजयदुर्गा को अक्सर शेर या बाघ पर सवार दिखाया जाता है जो उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक है।
  • उनके हाथों में विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र होते हैं जो बुरी शक्तियों पर उनकी विजय को दर्शाते हैं।
  • गोवा में विजयदुर्गा का मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है जहाँ भक्त प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने आते हैं।

यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि विजयदुर्गा की कथा और महत्व अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न हो सकते हैं।


Sri Vijayadurga is a Hindu Goddess of varying importance in Indian culture and tradition. She is said to have intervened in a battle between Shiva and Vishnuthem, and gone to Shankwali to kill the demons harassing the Brahmins there. When she destroyed all the demons in sancoale she earned the name of Vijaya and was given the name as Vijayadurga. The deity is thus a form of the Goddess Durga. The Vijayadurga temple was once located in close proximity to Shri Shankleshwari Shantadurga and Shri Lakshminarsimha in Sancoale but had to be shifted to Kerim, Ponda Taluka - Goa.



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