बहुचरा माता

Bahuchara Mata

(Hindu goddess)

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बहुचरा माता: विस्तृत विवरण

बहुचरा माता, जिन्हें गुजराती में બહુચર માતા लिखा जाता है, हिन्दू धर्म में एक देवी हैं जो पवित्रता और प्रजनन का प्रतीक मानी जाती हैं। वे हिंगलाज देवी का एक अवतार मानी जाती हैं। बहुचरा माता को कन्या रूप में पूजा जाता है।

बहुचरा माता अपने भक्तों पर विशेष रूप से पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं और रोगों का नाश करती हैं। गुजरात और राजस्थान के अन्य देवी-देवताओं की तरह, बहुचरा माता भी चारण समुदाय से जुडी हुई हैं। उन्हें हिजड़ा समुदाय का भी संरक्षक माना जाता है।

बहुचरा माता का मुख्य मंदिर भारत के गुजरात राज्य के मेहसाणा जिले के बेचराजी कस्बे में स्थित है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • नाम का अर्थ: बहुचरा नाम का अर्थ है "बहुत सारे चमत्कार करने वाली"।
  • प्रतीक: बहुचरा माता को अक्सर एक मुर्गे पर सवार और अपने हाथों में तलवार और त्रिशूल धारण किए हुए दर्शाया जाता है।
  • त्योहार: नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि के दौरान बहुचरा माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

बहुचरा माता एक बहुत ही लोकप्रिय देवी हैं और गुजरात और राजस्थान के कई हिस्सों में उनकी पूजा की जाती है। लोग उनसे संतान प्राप्ति, बीमारियों से मुक्ति और जीवन में समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।


Bahuchara Mata is a Hindu goddess of chastity and fertility in her maiden aspect, of the incarnation of the Hinglaj. The goddess grants favours, especially to male children, and cures diseases. Like other divinities in Gujarat and Rajasthan, Bahuchara is of Charan an origin. She is also considered the patroness of the hijra community. Her primary temple is located in Becharaji town in Mehsana district of Gujarat, India.



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