





नंदनी माता
Nandni Mata
(Hindu temple in Rajasthan, India)
Summary
नंदिनी माता : विस्तृत जानकारी हिंदी में
नंदिनी माता एक हिंदू देवी हैं। "नंदिनी" नाम, जिसे कभी-कभी "नंदिनी" भी लिखा जाता है, दुर्गा का ही एक दूसरा नाम है, जिसका अर्थ "पुत्री" होता है।
वागड़ी भाषा में नंदिनी माता को नंदोरे माँ भी कहा जाता है। प्राचीन हिंदू महाकाव्यों के अनुसार, नंदिनी माता द्वापर युग में यशोदा की पुत्री थीं और उन्होंने कंस का वध किया था। उनकी पूजा मुख्य रूप से नवरात्रि के पर्व पर की जाती है।
नंदिनी माता का उल्लेख कई वैदिक मंत्रों में मिलता है और दुर्गा सप्तमी नामक पुस्तक के ग्यारहवें अध्याय में भी उनका वर्णन है। यह मंत्र उन्हें यशोदा की पुत्री के रूप में भी जोड़ता है।
वागड़ में नंदिनी माता को गुजरात के महाकाली पावगढ़ के रूप में माना जाता है। "गरबा" नामक एक आदिवासी लोक नृत्य भी नंदिनी माता को समर्पित है। वागड़ में हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के लोग उनका समान रूप से सम्मान करते हैं।
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में नंदिनी माता मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यह बांसवाड़ा से 15 किलोमीटर दूर, बरोदिया कस्बे के पास राज्य राजमार्ग पर स्थित है। मुख्य मंदिर वागड़ में बरोदिया गाँव के पास पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है। यहां सदियों पहले स्थापित एक काले पत्थर की मूर्ति के इर्द-गिर्द कई मिथक और रस्में प्रचलित थीं, जिसे बाद में तोड़ दिया गया था। अब उसकी जगह एक नई सुंदर मूर्ति स्थापित है।
अतिरिक्त जानकारी:
- नंदिनी माता को शक्ति और शौर्य का प्रतीक माना जाता है।
- उनकी पूजा से भक्तों को भय और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- नवरात्रि के दौरान उनके मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ होती है।
- गरबा नृत्य, नंदिनी माता के प्रति श्रद्धा और भक्ति का एक अनूठा रूप है।
यह जानकारी नंदिनी माता के बारे में एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करती है।