नंदी (हिंदू धर्म)

Nandi (Hinduism)

(Divine animal in Hinduism)

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नंदी: भगवान शिव के वाहन और कैलाश के रक्षक

नंदी, जिन्हें नंदीकेश्वर या नंदीदेव भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में भगवान शिव के वाहन (सवारी) के रूप में पूजे जाते हैं। नंदी एक बैल हैं और भगवान शिव के सबसे प्रिय भक्त माने जाते हैं।

नंदी को कैलाश पर्वत, जो भगवान शिव का निवास स्थान है, का रक्षक देवता भी माना जाता है। लगभग सभी शिव मंदिरों में मुख्य गर्भगृह के सामने नंदी की बैठी हुई मुद्रा में एक पत्थर की मूर्ति स्थापित होती है, जो भगवान शिव की ओर देख रही होती है।

यहाँ नंदी से जुड़ी कुछ रोचक बातें हैं:

  • नंदी का जन्म: नंदी के जन्म को लेकर कई कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, नंदी ऋषि शिलाद के पुत्र थे और उन्हें भगवान शिव की घोर तपस्या के बाद वरदान स्वरुप प्राप्त हुआ था।
  • नंदी का स्वरुप: नंदी को एक शक्तिशाली बैल के रूप में दर्शाया जाता है, जिनका रंग सफ़ेद होता है। उनके शरीर पर सुंदर आभूषण और घंटियाँ होती हैं।
  • नंदी का महत्व: नंदी को शक्ति, भक्ति, बल और निष्ठा का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नंदी भगवान शिव के सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

संक्षेप में, नंदी भगवान शिव के एक महत्वपूर्ण अंग हैं और हिन्दू धर्म में उनका विशेष स्थान है।


Nandi, also known as Nandikeshvara or Nandideva, is the bull vahana (mount) of the Hindu god Shiva. He is also the guardian deity of Kailash, the abode of Shiva. Almost all Shiva temples display stone images of a seated Nandi, generally facing the main shrine.



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