





वीर तेजा
Veer Teja
(Indian folk deity)
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वीर तेजा जी: राजस्थान के लोक देवता
वीर तेजा जी, जिन्हें तेजा जी महाराज या केवल तेजा जी के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के एक महान योद्धा, सामाजिक सुधारक, गौ रक्षक और लोक देवता थे। उत्तरी राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में, उन्हें एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उन्हें भगवान शिव के ग्यारह प्राथमिक अवतारों में से एक माना जाता है। उनकी पूजा मुख्य रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात राज्यों में की जाती है। उन्हें राजस्थान में "नाग देवता" के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उनसे सांप के काटने से रक्षा मांगी जाती है। उन्हें "धौलिया वीर" के रूप में भी पूजा जाता है।
जन्म और मृत्यु:
- वीर तेजा जी का जन्म 29 जनवरी 1074 को हुआ था।
- उनका निधन 28 अगस्त 1103 को हुआ था।
वीर तेजा जी की लोकप्रियता:
- राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में तेजा जी महाराज को एक लोकप्रिय देवता के रूप में पूजा जाता है।
- उन्हें सांपों के काटने से बचाने के लिए पूजा जाता है।
- वे सामाजिक न्याय और गरीबों की रक्षा के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
- तेजा जी को गौ रक्षक भी माना जाता है।
वीर तेजा जी के प्रमुख मंदिर:
- तेजा जी के कई प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान में स्थित हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- तेजा जी का मंदिर, खरनाल (झुंझुनू): यह मंदिर तेजा जी के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है।
- तेजा जी का मंदिर, परबतसर (नागौर): यह मंदिर तेजा जी की समाधि स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
- तेजा जी का मंदिर, बीकानेर: यह मंदिर तेजा जी के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
वीर तेजा जी की कहानियाँ:
- तेजा जी से जुड़ी कई लोकप्रिय कहानियाँ हैं, जिनमें से कुछ हैं:
- तेजा जी ने एक सांप के काटने से एक गाय को बचाया।
- तेजा जी ने दलितों और गरीबों के लिए न्याय दिलाया।
- तेजा जी ने एक शक्तिशाली राजा से लड़कर गायों की रक्षा की।
वीर तेजा जी का महत्व:
- तेजा जी राजस्थानी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- उनकी कहानियाँ और शिक्षाएँ सामाजिक न्याय, गरीबों की रक्षा और गौ रक्षा के महत्व को बताती हैं।
- तेजा जी की पूजा आज भी राजस्थान में जारी है, और उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है।
Veer Tejaji also known as Tejaji Maharaj, or simply Tejaji, was a great warrior, social reformer, cow protector and folk-deity in Rajasthan. In rural parts of northern Rajasthan, he is revered as a deity and is considered to be one of Lord Shiva's eleven primary incarnations. He is mainly worshipped in the states of Rajasthan, Madhya Pradesh, Haryana, Uttar Pradesh, and Gujarat. He is commonly known as the God of Snakes in Rajasthan, because it protect against snake bites or also worshipped as Dhauliya Veer.