





Khodiyar
Khodiyar
(Hindu goddess)
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खोडियार माता : गुजरात और राजस्थान की लोकप्रिय देवी
खोडियार माता, जिन्हें खोदल माँ के नाम से भी जाना जाता है, गुजरात और राजस्थान में पूजी जाने वाली एक प्रमुख लोक देवी हैं।
कौन हैं खोडियार माता?
- खोडियार माता को शक्ति का अवतार माना जाता है, जो बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं और अपने भक्तों को साहस और शक्ति प्रदान करती हैं।
- वे चरवाहे समुदाय की देवी के रूप में पूजी जाती हैं और पशुधन, विशेष रूप से गायों की रक्षक मानी जाती हैं।
- उन्हें अक्सर नीले रंग के वस्त्रों में, एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में शेर या बाघ के बच्चे के साथ चित्रित किया जाता है।
- मान्यता है कि खोडियार माता अपने भक्तों की सच्ची पुकार सुनती हैं और उनकी विपत्तियों को दूर करती हैं।
खोडियार माता की पूजा:
- गुजरात और राजस्थान में खोडियार माता को समर्पित कई मंदिर स्थापित हैं, जहाँ लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दर्शन करने आते हैं।
- नवरात्रि और अश्विन मास के दौरान उनके मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और मेले का आयोजन किया जाता है।
- भक्त माता को नारियल, चुनरी, प्रसाद और धूप-दीप अर्पित करते हैं।
- माना जाता है कि खोडियार माता की पूजा करने से भय, रोग, शत्रुओं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
खोडियार माता की कथाएँ:
खोडियार माता से जुड़ी कई लोककथाएँ प्रचलित हैं जो उनकी शक्ति और करुणा का वर्णन करती हैं।
- एक कथा के अनुसार, खोडियार माता ने एक चरवाहे की गाय को मगरमच्छ के चंगुल से बचाया था।
- एक अन्य कथा में, उन्होंने अपने भाई की जान बचाने के लिए एक खूंखार दानव का वध किया था।
निष्कर्ष:
खोडियार माता गुजरात और राजस्थान की आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र हैं। वे शक्ति, साहस और रक्षा का प्रतीक हैं। उनकी पूजा से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति और जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने की प्रेरणा मिलती है।
Khoḍiyār is a Hindu folk goddess worshiped in Gujarat and Rajasthan states in India.