





जगद्धात्री
Jagaddhatri
(Aspect of goddess Durga)
Summary
जगद्धात्री पूजा: पश्चिम बंगाल का प्रमुख त्योहार
जगद्धात्री, हिंदू देवी दुर्गा का एक रूप है, जिन्हें पश्चिम बंगाल के साथ-साथ ओडिशा और झारखंड जैसे अन्य राज्यों में भी पूजा जाता है। जगद्धात्री पूजा पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चंदननगर शहर, नदिया जिले के कृष्णनगर और उत्तर 24 परगना के इच्छापुर नवाबगंज में विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जहां इसे पाँच दिनों तक चलने वाले त्योहार के रूप में मनाया जाता है। उनकी पूजा और अनुष्ठान तंत्र से निकले हैं। माना जाता है कि उनकी पूजा से भक्तों को अहंकार और सभी भौतिक इच्छाओं से मुक्ति मिलती है।
जगद्धात्री का स्वरूप:
पुराणों के अनुसार, जगद्धात्री सिद्धिधात्री का अवतार हैं। उन्हें श्री भुवनेश्वरी और दुर्गा का संयुक्त रूप भी कहा जाता है। बंगाल में, उनकी पूजा देवी के वापस आने के रूप में मनाई जाती है, विशेष रूप से कृष्णनगर, चंदननगर, ऋषड़ा और गुप्तीपारा में।
जगद्धात्री पूजा का महत्व:
जगद्धात्री पूजा पश्चिम बंगाल में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो देवी दुर्गा की शक्ति और दया को दर्शाता है। यह त्योहार भक्तों को अपने जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिकता लाने का अवसर प्रदान करता है।
पूजा की विधि:
जगद्धात्री पूजा में, देवी की मूर्ति को विशेष रूप से सजाया जाता है और उसे फूल, मिठाई, फल और अन्य भोग चढ़ाए जाते हैं। भक्त देवी की आरती करते हैं और उन्हें प्रार्थना करते हैं। पूजा के दौरान, विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
जगद्धात्री पूजा का सांस्कृतिक महत्व:
जगद्धात्री पूजा पश्चिम बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें अपनी परंपराओं और संस्कृति से जोड़ता है।
निष्कर्ष:
जगद्धात्री पूजा पश्चिम बंगाल में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो देवी दुर्गा की शक्ति और दया को दर्शाता है। यह त्योहार भक्तों को आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक समृद्धि का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।