नलकुवारा

Nalakuvara

(Son of Kubera in Hinduism)

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नलकुवेर: धन के देवता के शरारती पुत्र

नलकुवेर, जिन्हें नलकूबर भी कहा जाता है, हिन्दू और बौद्ध धर्मों में यक्षराज कुबेर (वैश्रवण) के पुत्र और मणिग्रीव (मणिभद्र) के भाई के रूप में प्रकट होते हैं। उनकी पत्नियाँ रम्भा और रत्नमाला हैं।

हिन्दू और बौद्ध साहित्य में नलकुवेर को अक्सर एक कामुक शरारती व्यक्ति के रूप में चित्रित किया गया है। वे अपनी चतुराई और वाक्पटुता के लिए जाने जाते हैं, और अक्सर अपनी शरारतों से दूसरों को छलते हुए दिखाई देते हैं।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:

  • पिता: कुबेर (वैश्रवण), धन के देवता
  • माता: यक्षिणी
  • भाई: मणिग्रीव (मणिभद्र)
  • पत्नियाँ: रम्भा और रत्नमाला
  • प्रकृति: शरारती, चतुर, वाक्पटु
  • विशेषता: यक्ष होने के कारण अलौकिक शक्तियाँ

नलकुवेर के बारे में कई कहानियाँ प्रचलित हैं, जो उनकी शरारतों और चतुराई को दर्शाती हैं। वे यक्ष होने के कारण अलौकिक शक्तियों से संपन्न हैं और अक्सर अपनी शक्तियों का उपयोग लोगों को छलने या परेशान करने के लिए करते हैं।

हालांकि नलकुवेर को मुख्यतः एक शरारती व्यक्ति के रूप में जाना जाता है, लेकिन कुछ कहानियों में उन्हें एक नायक के रूप में भी दिखाया गया है, जो बुरी शक्तियों से लड़ते हैं और धर्म की रक्षा करते हैं।


Nalakuvara, also known as Nalakubara, appears in Hindu and Buddhist mythology as the brother of Manigriva, the son of the yaksha king Kubera, and husband of Rambha and Ratnamala. Nalakuvara often appears as a sexual trickster figure in Hindu and Buddhist literature.



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