अन्नपूर्णा (देवी)

Annapurna (goddess)

(Hindu goddess of food and nourishment)

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अन्नपूर्णा देवी: अन्न और पोषण की देवी (हिंदी में विस्तार से)

अन्नपूर्णा, अन्नपूर्णेश्वरी, अन्नदा या अन्नपूर्णा (संस्कृत: अन्नपूर्णा, जिसका अर्थ है "भोजन से परिपूर्ण" या "भोजन से युक्त") पार्वती का ही एक रूप हैं और उन्हें हिंदू धर्म में भोजन और पोषण की देवी के रूप में जाना जाता है। हिंदू धर्म में अन्न का बहुत महत्व है और भोजन को देवी-देवताओं को अर्पित करने की परंपरा है, इसलिए अन्नपूर्णा देवी को एक प्रमुख देवी माना जाता है।

वे भगवान शिव की पत्नी, देवी पार्वती का ही एक रूप हैं, और उनकी स्तुति भरतचंद्र राय द्वारा रचित बंगाली काव्य "अन्नदा मंगल" में की गई है। अन्नपूर्णा सहस्रनाम ग्रंथ देवी को समर्पित है और उनके एक हजार नामों का गुणगान करता है, जबकि अन्नपूर्णा शतनाम स्तोत्र में उनके 108 नामों का वर्णन है।

अन्नपूर्णा देवी को समर्पित कुछ मंदिर मौजूद हैं, जिनमें से कुछ सबसे प्रसिद्ध हैं:

  • होरानाडु में भद्रा नदी के तट पर ऋषि अगस्त्य द्वारा स्थापित अन्नपूर्णा मंदिर
  • वाराणसी में अन्नपूर्णा देवी मंदिर

अक्षय तृतीया को अन्नपूर्णा देवी का जन्मदिन माना जाता है, इसलिए इस दिन सोने के आभूषण खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।

अन्नपूर्णा देवी का महत्व:

  • भोजन और पोषण: अन्नपूर्णा देवी को भोजन, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।
  • मातृत्व: माँ पार्वती का ही रूप होने के कारण, उन्हें ममता और पालन-पोषण का भी प्रतीक माना जाता है।
  • दरिद्रता निवारण: ऐसी मान्यता है कि अन्नपूर्णा देवी की पूजा से दरिद्रता दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

अन्नपूर्णा देवी की पूजा:

  • प्रार्थना: अन्नपूर्णा देवी की स्तुति और उनके मंत्रों का जाप करना।
  • भोजन अर्पण: देवी को भोग लगाना और प्रसाद ग्रहण करना।
  • अन्नदान: जरूरतमंदों को भोजन दान देना।

अन्नपूर्णा देवी की पूजा हमें भोजन के महत्व को समझने और उसका सम्मान करने की प्रेरणा देती है।


Annapurna, Annapurneshwari, Annada or Annapoorna is a manifestation of Parvati and is known as the Hindu goddess of food and nourishment. Worship and offering of food are highly praised in Hinduism, and therefore, the goddess Annapurna is regarded as a popular deity. She is a manifestation of the goddess Parvati, the consort of Shiva, and is eulogized in the Annada Mangal, a narrative poem in Bengali by Bharatchandra Ray. The Annapurna Sahasranam is dedicated to the goddess and praises her one thousand names, while the Annapurna Shatanama Stotram is dedicated to her 108 names.



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