





आर्यमन
Aryaman
(Vedic Hindu deities in the Rig Veda)
Summary
अर्यमन: एक वैदिक देवता (Aryaman: A Vedic Deity)
अर्यमन एक प्राचीन वैदिक देवता हैं जिनका नाम "जीवनसाथी", "करीबी दोस्त", "साथी", "सहपाठी" या "सहचर" का प्रतीक है। वे कश्यप और अदिति के तीसरे पुत्र हैं, जो आदित्यों के माता-पिता हैं, और उन्हें मध्य-सुबह के सूर्य बिम्ब के रूप में दर्शाया गया है। वे विभिन्न वैदिक जनजातियों और लोगों को शासित करने वाले रीति-रिवाजों के देवता हैं।
ऋग्वेद में भूमिका (Role in the Rigveda):
- ऋग्वेद में, अर्यमन को घोड़ियों और बछेरों के रक्षक के रूप में वर्णित किया गया है, और कहा जाता है कि आकाशगंगा (अर्यमणः पन्थाः) उनका मार्ग है।
- अर्यमन को आमतौर पर मित्र-वरुण, भग, बृहस्पति और अन्य आदित्यों और असुरों के साथ मिलकर आह्वान किया जाता है।
- ग्रिफ़िथ के अनुसार, ऋग्वेद यह भी बताता है कि अर्यमन मित्र और वरुण के साथ एक सर्वोच्च देवता हैं।
- ऋग्वेद के अनुसार, इंद्र, जिन्हें पारंपरिक रूप से ऋग्वेद में सबसे महत्वपूर्ण देवता माना जाता है, उन्हें अर्यमन से वरदान और उपहार प्राप्त करने के लिए कहा जाता है।
- हिंदू विवाह की शपथ अर्यमन को घटना के साक्षी होने का आह्वान करते हुए दिलाई जाती है।
- अर्यमन आतिथ्य के रीति-रिवाजों के देवता भी हैं।
विस्तार से (In Detail):
अर्यमन का नाम "आर्य" शब्द से जुड़ा है, जिसका अर्थ है "कुलीन" या "महान"। वे एक ऐसे देवता हैं जो सामाजिक व्यवस्था, सद्भाव और मित्रता को बनाए रखते हैं। उनकी भूमिका लोगों को एक साथ लाने, बंधन को मजबूत करने और एक सामंजिक और नैतिक जीवन जीने में मार्गदर्शन करने की है। विवाह में उनकी उपस्थिति इस बात पर जोर देती है कि वे एक पवित्र बंधन के रक्षक हैं जो दो लोगों और उनके परिवारों को एक साथ जोड़ता है।
अर्यमन की पूजा वैदिक काल से ही की जाती रही है, और वे आज भी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। उनका नाम अक्सर मंत्रों और प्रार्थनाओं में लिया जाता है, और उन्हें सामाजिक सद्भाव, मित्रता और आतिथ्य के अवतार के रूप में सम्मानित किया जाता है।