





त्रिपुर सुंदरी
Tripura Sundari
(Hindu goddess)
Summary
त्रिपुरा सुंदरी: सौंदर्य, शक्ति और सृष्टि की देवी (विस्तृत विवरण)
त्रिपुरा सुंदरी, जिन्हें राजराजेश्वरी, षोडशी, कामक्षी और ललिता जैसे नामों से भी जाना जाता है, एक प्रमुख हिंदू देवी हैं। शक्तिवाद परंपरा में उनकी पूजा विशेष रूप से होती है और उन्हें दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है। वे आदिशक्ति, महादेवी का ही एक स्वरूप हैं।
नाम का अर्थ:
- त्रिपुरा: इस शब्द का अर्थ है "तीन नगर" या "तीन लोक", जो भूः लोक, भुवः लोक और स्वः लोक का प्रतीक है।
- सुंदरी: इसका अर्थ है "सुंदर स्त्री"।
इस प्रकार, त्रिपुरा सुंदरी तीनों लोकों में सबसे सुंदर स्त्री का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्हें योनि प्रतीक से भी जोड़ा जाता है जो सृजन, पालन और संहार की शक्ति का प्रतीक है।
शक्तिवाद में स्थान:
शक्तिवाद की श्रीकुला परंपरा के अनुसार, त्रिपुरा सुंदरी, सभी महाविद्याओं में सबसे प्रमुख और हिंदू धर्म की सर्वोच्च देवी हैं। वे श्री विद्या की भी मुख्य देवी हैं। त्रिपुरा उपनिषद उन्हें ब्रह्मांड की परम शक्ति (ऊर्जा, सामर्थ्य) के रूप में वर्णित करता है। उन्हें सर्वोच्च चेतना के रूप में वर्णित किया गया है, जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव से भी ऊपर शासन करती हैं।
ललिता सहस्रनाम और सौंदर्य लहरी:
ललिता सहस्रनाम और सौंदर्य लहरी, दो महत्वपूर्ण शाक्त ग्रंथ, त्रिपुरा सुंदरी की स्तुति और उनके गुणों का विस्तार से वर्णन करते हैं।
ललितोपाख्यान और भंडासुर वध:
ब्रह्मांड पुराण के ललितोपाख्यान में, त्रिपुरा सुंदरी को आदि पराशक्ति के रूप में संदर्भित किया गया है। यहाँ उनके द्वारा राक्षस भंडासुर के साथ हुए युद्ध का वर्णन मिलता है। यह युद्ध बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
मंदिर और उत्सव:
त्रिपुरा सुंदरी को समर्पित मंदिर पूरे भारत में पाए जाते हैं, जिनमें त्रिपुरा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड और कर्नाटक प्रमुख हैं। ललिता जयंती और ललिता पंचमी जैसे उनके त्योहार बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं, जो भक्तों के देवी के प्रति गहरे आध्यात्मिक जुड़ाव और उनके द्वारा दिव्य स्त्री ऊर्जा के अवतार को दर्शाते हैं।
संक्षेप में:
त्रिपुरा सुंदरी सौंदर्य, शक्ति और सृजन की देवी हैं। वे शक्तिवाद में एक महत्वपूर्ण देवी हैं और उन्हें भक्तों द्वारा अत्यंत पूजनीय माना जाता है।