





शास्ता (देवता)
Shasta (deity)
(Hindu god)
Summary
शास्ता: एक सुरक्षात्मक देवता (Shasta: A Protective Deity)
शास्ता एक हिंदू देवता हैं जिन्हें भगवान शिव और विष्णु के स्त्री रूप मोहिनी के पुत्र के रूप में वर्णित किया गया है। वे मुख्य रूप से एक कुलदेवता (एक विशेष वंश या समुदाय के संरक्षक देवता) और ग्राम देवता (गाँव के रक्षक) के रूप में पूजे जाते हैं।
दक्षिण भारत में अलग-अलग नाम:
- तमिलनाडु: अय्यनार, नट्टराजन, सत्तन
- श्रीलंका: अय्यनायके
- केरल: अय्यप्पन
भूमिका और महत्व:
- कुलदेवता: शास्ता कई समुदायों और परिवारों द्वारा अपने कुलदेवता के रूप में पूजे जाते हैं। वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उनकी समृद्धि सुनिश्चित करते हैं।
- ग्राम देवता: ग्राम देवता होने के नाते, शास्ता गाँव की सीमाओं की रक्षा करते हैं और बाहरी बुरी शक्तियों से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
- न्याय और धर्म: शास्ता न्याय और धर्म के रक्षक भी माने जाते हैं और अन्याय के खिलाफ लड़ते हैं।
पूजा और मंदिर:
शास्ता के मंदिर अक्सर गाँवों के बाहरी इलाकों में या पहाड़ों पर स्थित होते हैं। उनकी पूजा में अक्सर पशु बलि, विशेष रूप से मुर्गे और बकरे, शामिल होती है, हालाँकि कुछ मंदिरों में यह प्रथा बंद कर दी गई है।
निष्कर्ष:
शास्ता एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय देवता हैं जो दक्षिण भारत में व्यापक रूप से पूजे जाते हैं। एक सुरक्षात्मक देवता के रूप में उनकी भूमिका, अपने भक्तों के प्रति उनकी करुणा और न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया है।