वाराही

Varahi

(Hindu sow-headed mother goddess)

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वाराही: शक्ति का एक उग्र रूप, विस्तृत विवरण (हिंदी में)

वाराही हिन्दू धर्म में मातृकाओं में से एक हैं, जो सात माताओं का समूह हैं। सूअर का सिर धारण करने वाली, वाराही भगवान विष्णु के वराह अवतार की शक्ति (स्त्री ऊर्जा) हैं।

नाम और पूजा:

  • नेपाल में उन्हें बाराही कहा जाता है।
  • राजस्थान और गुजरात में उन्हें डांडिनी के रूप में पूजा जाता है।

महत्व:

  • वाराही की पूजा मुख्य रूप से शक्तिवाद (देवी-उन्मुख) में की जाती है,
  • लेकिन शैव धर्म (शिव के भक्त) और वैष्णव धर्म (विष्णु के भक्त) में भी उनका महत्व है।
  • उनकी पूजा आमतौर पर रात में गुप्त वाममार्ग तांत्रिक क्रियाओं का उपयोग करके की जाती है।

प्रभाव:

  • बौद्ध देवियाँ वज्रवाराही और मरीची की उत्पत्ति हिंदू देवी वाराही से हुई है।

विस्तृत विवरण:

वाराही को शक्ति का एक उग्र रूप माना जाता है और उनकी छवि उनकी शक्ति को दर्शाती है। वह प्राय भयानक रूप में दिखाई जाती हैं, जिसमें उनके दांत बाहर निकले हुए होते हैं और उनका शरीर गहनों और हथियारों से सुसज्जित होता है।

प्रतीकवाद:

  • सूअर का सिर अज्ञानता के अंधकार को दूर करने का प्रतीक है।
  • उनके भयानक रूप से बुरी शक्तियों का नाश होता है और उनके भक्तों की रक्षा होती है।

मंत्र और स्तोत्र:

वाराही के लिए कई मंत्र और स्तोत्र हैं जिनका पाठ उनके भक्त उनकी कृपा पाने के लिए करते हैं।

निष्कर्ष:

वाराही एक शक्तिशाली देवी हैं जो अपने भक्तों को सा courage और सुरक्षा प्रदान करती हैं। उनकी पूजा हमें अज्ञानता के अंधकार को दूर करने और अपने भीतर की शक्ति को जगाने के लिए प्रेरित करती है।


Varahi is one of the Matrikas, a group of seven mother goddesses in the Hindu religion. Bearing the head of a sow, Varahi is the shakti of Varaha, the boar avatar of the god Vishnu. In Nepal, she is called Barahi. In Rajasthan and Gujarat, she is venerated as Dandini.



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