चित्रगुप्त

Chitragupta

(Registrar of the dead in Hindu mythology)

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चित्रगुप्त: धर्मराज के लेखपाल

चित्रगुप्त एक हिन्दू देवता हैं जिन्हें मृत्यु के पश्चात कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाला देवता माना जाता है। "चित्रगुप्त" शब्द का अर्थ है "गुप्त चित्रों वाला" या "रहस्यों का धनी"।

चित्रगुप्त को धर्मराज यम का सहायक माना जाता है। इनका कार्य मनुष्यों के जीवनकाल में किए गए सभी कर्मों का हिसाब-किताब रखना है। इस रिकॉर्ड को "अग्रसंदानी" नामक एक पंजी में दर्ज किया जाता है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है और वह यमलोक पहुँचता है, तो चित्रगुप्त उनके कर्मों का विवरण धर्मराज यम को सुनाते हैं। इस विवरण के आधार पर ही यम यह निर्णय लेते हैं कि मृतक को स्वर्ग भेजा जाए या नरक।

चित्रगुप्त को ब्रह्मा जी का सत्रहवाँ मानस पुत्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उनकी उत्पत्ति ब्रह्मा जी के मन और चित्त से हुई थी। इसलिए उन्हें ब्राह्मणों की तरह वेद लिखने का अधिकार प्राप्त है। साथ ही, उन्हें क्षत्रिय धर्म का पालन करने का भी दायित्व सौंपा गया है।

यहाँ कुछ अतिरिक्त बिंदु दिए गए हैं:

  • चित्रगुप्त को कलम, दवात और अग्रसंदानी लिए हुए चित्रित किया जाता है।
  • कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा का विधान है। इस दिन लोग नई कलम और दवात से पूजा करते हैं और अपने लेखन कौशल में वृद्धि की कामना करते हैं।
  • चित्रगुप्त को न्याय और निष्पक्षता का प्रतीक माना जाता है।
  • कुछ मान्यताओं के अनुसार चित्रगुप्त के दो भाई हैं - यम और श्रवण।

चित्रगुप्त की पूजा हमें याद दिलाती है कि हमारे सभी कर्मों का लेखा-जोखा रखा जाता है और हमें सदैव अच्छे कर्म करने चाहिए।


Chitragupta is a Hindu deity who serves as the registrar of the dead. He is assigned with the task of maintaining the records of the actions of human beings in a register called the Agrasandhanī. Upon the death of a human and their arrival at Yamaloka, Chitragupta reads out their deeds, allowing the god of death, Yama, to decide whether they go to Svarga or Naraka, depending on their actions on earth. Chitragupta is the seventeenth manasaputra of Brahma. He is believed to have been created from Brahma's soul and mind (chit) and thus is allotted the right to write Vedas like a Brahmin, and also assigned the duty of a Kshatriya.



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