विश्वकर्मा

Vishvakarma

(Hindu architect of the gods)

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विश्वकर्मा: दिव्य शिल्पी और देवताओं के वास्तुकार

विश्वकर्मा का अर्थ है "सब कुछ बनाने वाला"। हिंदू धर्म में, विश्वकर्मा को एक दिव्य शिल्पी और देवताओं के वास्तुकार के रूप में पूजा जाता है।

प्रारंभिक ग्रंथों में, शिल्पकार देवता को त्वष्टा के नाम से जाना जाता था। "विश्वकर्मा" शब्द का प्रयोग मूल रूप से किसी भी शक्तिशाली देवता के लिए एक विशेषण के रूप में किया जाता था। हालांकि, बाद की परंपराओं में, विश्वकर्मा शिल्पी देवता का ही नाम बन गया।

विश्वकर्मा ने देवताओं के सभी रथों और अस्त्रों का निर्माण किया, जिसमें भगवान इंद्र का वज्र भी शामिल है। विश्वकर्मा का संबंध सूर्य देव से अपनी पुत्री संज्ञा/रंदल के माध्यम से था। कथा के अनुसार, जब संज्ञा, सूर्य की प्रचंड ऊर्जा के कारण, अपना घर छोड़कर चली गई, तो विश्वकर्मा ने उस ऊर्जा को कम किया और उसका उपयोग करके विभिन्न अन्य अस्त्रों का निर्माण किया। विश्वकर्मा ने लंका, द्वारका और इंद्रप्रस्थ जैसे विभिन्न नगरों का भी निर्माण किया।

महाकाव्य रामायण के अनुसार, वानर नल, विश्वकर्मा का पुत्र था, जिसे भगवान राम के अवतार की सहायता के लिए बनाया गया था।

अतिरिक्त जानकारी:

  • विश्वकर्मा को शिल्प, वास्तुकला, इंजीनियरिंग और निर्माण से जुड़े सभी व्यवसायों का संरक्षक देवता माना जाता है।
  • विश्वकर्मा पूजा का त्योहार, जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में मनाया जाता है, शिल्पकारों और कारीगरों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।
  • विश्वकर्मा को समर्पित कई मंदिर भारत भर में पाए जाते हैं।

Vishvakarma or Vishvakarman is a craftsman deity and the divine architect of the devas in contemporary Hinduism. In the early texts, the craftsman deity was known as Tvastar and the word "Vishvakarma" was originally used as an epithet for any powerful deity. However, in many later traditions, Vishvakarma became the name of the craftsman god.



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