





विश्व कछुआ
World Turtle
(Giant turtle supporting or containing the world)
Summary
दुनिया को अपनी पीठ पर उठाने वाला कछुआ 🐢🌎
यह लेख दुनिया को अपने ऊपर धारण करने वाले विशाल कछुए के बारे में है, जिसे "विश्व कछुआ" या "ब्रह्मांडीय कछुआ" भी कहा जाता है। यह एक प्रसिद्ध मिथक है जो हिंदू, चीनी और अमेरिका के मूल निवासियों की पौराणिक कथाओं में पाया जाता है।
आइए इस मिथक को और विस्तार से समझें:
१. क्या है विश्व कछुआ?
कल्पना कीजिए, एक विशाल कछुआ, इतना बड़ा कि पूरी दुनिया उसकी पीठ पर टिकी हुई है! यह है विश्व कछुआ, एक प्राचीन मिथक जो बताता है कि हमारी पृथ्वी एक विशालकाय कछुए की पीठ पर स्थित है।
२. यह मिथक कहाँ-कहाँ पाया जाता है?
यह मिथक विभिन्न संस्कृतियों में अलग-अलग रूपों में प्रचलित है:
हिंदू पौराणिक कथाओं में, इस कछुए को कूर्म अवतार के रूप में जाना जाता है, जो भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक है। समुद्र मंथन के दौरान, कूर्म अवतार ने मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था।
चीनी पौराणिक कथाओं में, दुनिया को धारण करने वाले कछुए को Ao (鳌) कहा जाता है। यह एक विशालकाय समुद्री कछुआ है जिसके चार पैरों पर दुनिया टिकी हुई है।
अमेरिका के मूल निवासी भी इसी तरह की कहानियाँ सुनाते हैं जहाँ एक विशाल कछुआ दुनिया को अपनी पीठ पर धारण करता है।
३. विश्व कछुआ का प्रतीकवाद:
विश्व कछुआ कई चीजों का प्रतीक है:
स्थिरता और सहनशक्ति: कछुए को धीमे लेकिन स्थिर और सहनशील प्राणी के रूप में देखा जाता है, जो पूरी दुनिया के भार को सहन करने की क्षमता का प्रतीक है।
दीर्घायु और अमरता: कछुए लंबे समय तक जीवित रहते हैं, इसलिए वे दीर्घायु और अमरता का प्रतीक भी माने जाते हैं।
सृजन और उत्पत्ति: कुछ संस्कृतियों में, कछुए को सृष्टि से जोड़ा जाता है, और यह माना जाता है कि दुनिया की उत्पत्ति इसकी पीठ पर हुई थी।
४. एडवर्ड बर्नेट टायलर और विश्व हाथी:
प्रसिद्ध मानव विज्ञानी एडवर्ड बर्नेट टायलर ने अपनी पुस्तक "प्रिमिटिव कल्चर" (1871) में "विश्व कछुआ" की तुलना "विश्व हाथी" से की है। यह एक और मिथक है जो दक्षिण पूर्व एशियाई संस्कृतियों में पाया जाता है, जहाँ दुनिया को एक विशालकाय हाथी द्वारा सहारा दिया जाता है।
संक्षेप में, विश्व कछुआ एक समृद्ध और आकर्षक मिथक है जो दुनिया भर की विभिन्न संस्कृतियों में पाया जाता है। यह हमें स्थिरता, दीर्घायु, सृजन और ब्रह्मांड की असीमता के बारे में सोचने पर मजबूर करता है।