संजना

Sanjna

(Hindu goddess of clouds and dusk)

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सञ्ज्ञा: सूर्य देव की पत्नी

सञ्ज्ञा, जिन्हें सरण्यू और गुजराती में रांदल भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में सूर्य देव की पत्नी हैं। ऋग्वेद में उनका उल्लेख मिलता है और हरिवंश पुराण जैसे बाद के ग्रंथों में भी उनकी कथा आती है।

सञ्ज्ञा को विश्वकर्मा के रूप में विख्यात शिल्पी देवता त्वष्टा की पुत्री बताया गया है। सूर्य देव के तेज और गर्मी को सहन न कर पाने के कारण सञ्ज्ञा ने कुछ समय के लिए अपने पति को त्याग दिया था।

सञ्ज्ञा को यमराज (मृत्यु के देवता), यमुना (नदी देवी), वर्तमान मनु, अश्विनी कुमार (दिव्य चिकित्सक जुड़वां) और देव रेवन्त की माता माना जाता है।

विस्तार से:

  • सञ्ज्ञा का अर्थ: 'सञ्ज्ञा' शब्द का अर्थ है "चेतना" या "पहचान"। सूर्य के साथ जुड़ाव के कारण, उन्हें सूर्य की चेतना या प्रकाश के प्रति जागरूकता का प्रतीक माना जाता है।
  • त्वष्टा की पुत्री: त्वष्टा को दैवीय शिल्पी माना जाता है जिन्होंने देवताओं के लिए कई अस्त्र-शस्त्र बनाए थे। सञ्ज्ञा का जन्म उनके यहाँ हुआ था जिससे पता चलता है कि उनमें भी रचनात्मकता और कला कौशल विद्यमान था।
  • सूर्य का त्याग: सञ्ज्ञा सूर्य की गर्मी और तेज को सहन नहीं कर पा रही थीं। यह उनके दैवीय और मानवीय रूप के द्वंद्व को दर्शाता है।
  • संतान: सञ्ज्ञा के पुत्र यम और यमुना धर्म और न्याय से जुड़े हैं। अश्विनी कुमार चिकित्सा और आरोग्य के देवता हैं। यह दर्शाता है कि सञ्ज्ञा में सृजन और पालन दोनों ही शक्तियाँ विद्यमान थीं।

कुल मिलाकर, सञ्ज्ञा एक महत्वपूर्ण देवी हैं जो प्रकाश, चेतना, सृजन और धैर्य का प्रतीक हैं। उनकी कथा हमें बताती है कि प्रेम और समर्पण के साथ-साथ संतुलन और सामंजस्य भी ज़रूरी है।


Sanjna, also known as Saranyu, and Randal (Gujarati:રાંદલ) Hindu goddess and the chief consort of Surya, the Sun god. She is mentioned in the Rigveda, and also appears in later Hindu scriptures including the Harivamsa and the Puranas.



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