





बगलामुखी
Bagalamukhi
(Deity of Hindu)
Summary
बगलामुखी देवी
बगलामुखी या बगला, हिन्दू धर्म में दस तांत्रिक देवियों, महाविद्याओं (महान ज्ञान/विज्ञान) के एक समूह का नारी रूप हैं। देवी बगलामुखी अपने गदा से भक्तों के भ्रमों और मोहों (या भक्तों के शत्रुओं) को चूर-चूर कर देती हैं। "बगला" शब्द "वल्गा" (अर्थ - लगाम या नियंत्रण में रखना) शब्द से बना है, जो "वगला" और फिर "बगला" बन गया। देवी के 108 अलग-अलग नाम हैं (कुछ लोग उन्हें 1108 नामों से भी पुकारते हैं)।
बगलामुखी को उत्तर भारत में पीताम्बरी के नाम से जाना जाता है, जो पीले या सुनहरे रंग से जुड़ी देवी हैं। वह विभिन्न रत्नों से सजे स्तंभों वाले स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान हैं और उनकी तीन आँखें हैं, जो यह दर्शाती हैं कि वह भक्त को परम ज्ञान प्रदान कर सकती हैं।
बगलामुखी, देवी के दस रूपों में से एक हैं, जो शक्तिशाली स्त्री, आदिम शक्ति का प्रतीक हैं।
बगलामुखी या बगला देवी को समर्पित मुख्य मंदिर श्री बगलामुखी शक्ति पीठम, शिवमपेट, नरसापुर, तेलंगाना राज्य; बगलामुखी मंदिर, दतिया मध्य प्रदेश; बुगिलाधार, घुट्टू उत्तराखंड; कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी, असम; ललितपुर, नेपाल का बगलामुखी मंदिर और बांदी, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में स्थित हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
- बगलामुखी को शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने, विवादों को दूर करने और वाक् सिद्धि प्रदान करने वाली देवी माना जाता है।
- पीले रंग को बगलामुखी का प्रिय रंग माना जाता है और उनके भक्त अक्सर पीले वस्त्र धारण करते हैं और उन्हें पीले फूल, हल्दी और चने की दाल जैसी पीली वस्तुएँ अर्पित करते हैं।
- बगलामुखी मंत्र का जाप शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने, वाधाओं को दूर करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
यह विवरण बगलामुखी देवी के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान करता है और इसे आसानी से समझने के लिए सरल हिंदी में लिखा गया है।