





भैरवी
Bhairavi
(Hindu goddess)
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भैरवी: शक्ति का उग्र रूप
भैरवी एक हिंदू देवी हैं जिन्हें महाविद्या के रूप में पूजा जाता है। महाविद्या, देवी माँ के दस अवतार हैं जो शक्ति के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। भैरवी, दक्षिणामूर्ति की पत्नी हैं, जो स्वयं भगवान शिव का एक रूप हैं।
भैरवी को प्रायः उग्र और भयानक रूप में चित्रित किया जाता है। वे लाल रंग की साड़ी पहने, खुले केशों और क्रोधित नेत्रों वाली हैं। उनके गले में मुंडमाला और हाथों में त्रिशूल, डमरू जैसे अस्त्र-शस्त्र होते हैं।
भैरवी का अर्थ है "भय को हरने वाली"। वे अपने भक्तों को भय, शत्रुओं और बाधाओं से मुक्ति दिलाती हैं।
भैरवी की पूजा:
- तांत्रिक साधना में भैरवी की पूजा का विशेष महत्व है।
- भैरवी को प्रसन्न करने के लिए मांस, मदिरा और अन्य तामसिक वस्तुओं का प्रयोग वर्जित है।
- भैरवी की पूजा से साहस, शक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
भैरवी के कुछ प्रसिद्ध मंदिर:
- भैरवी देवी मंदिर, वैष्णो देवी, जम्मू और कश्मीर
- भैरवी देवी मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
- भैरवी देवी मंदिर, रायगढ़, छत्तीसगढ़
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:
- भैरवी को योगिनी और चंडी जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।
- भैरवी की उत्पत्ति के बारे में कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं।
- नवरात्रि के दौरान भैरवी की पूजा का विशेष महत्व है।
संक्षेप में, भैरवी माँ दुर्गा का एक उग्र और शक्तिशाली रूप हैं जो अपने भक्तों को सभी प्रकार के भय और बाधाओं से मुक्त करती हैं।
Bhairavi is a Hindu goddess, described as one of the Mahāvidyas, the ten avatars of the mother goddess. She is the consort of Dakṣiṇāmūrti.