





वेट्टाकोरुमाकन
Vettakkorumakan
(Regional Hindu deity)
Summary
वेट्टाकोरू मकन: उत्तरी केरल का एक अनोखा देवता
वेट्टाकोरू मकन (मलयालम: वेट्टाकोरू मकन) उत्तरी केरल के कुछ हिस्सों में पूजित एक हिंदू देवता हैं। उन्हें संस्कृत में किराता-सुनु (किराता का पुत्र) के नाम से भी जाना जाता है।
माना जाता है कि वे शिव के पुत्र हैं, जो किराता (शिकारी) के रूप में अवतरित होकर अपनी पत्नी पार्वती से पैदा हुए थे। शिव ने अर्जुन को पशुपातास्त्र नामक अस्त्र देने के लिए यह रूप धारण किया था।
वेट्टाकोरू मकन की पूजा मुख्य रूप से केरल के मालाबार क्षेत्र में होती है। इनके सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक बालुसेरी-कोटा वेट्टाकोरू मकन मंदिर है, जो कालीकट से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर कभी कुरुम्ब्रानड के राजाओं का किला हुआ करता था।
इनके अन्य प्रमुख मंदिर रमणथाली, नीलेश्वर, कोट्टक्कल, नीलाम्बूर, करपारम्बा और कन्नूर जिले और कासरगोड जिले के विभिन्न स्थानों पर हैं। वे चिरक्कल, नीलेश्वर, कोट्टक्कल, नीलाम्बूर कोविलाकम, कलाथिल कर्था, अलुवा, अमरम्बालम कोविलाकम और रंडू इल्लम वर्गम नम्बियर्स के कुल देवता हैं।
मालाबार के रईसों में जिन परिवारों के कुल देवता वेट्टाकोरू मकन हैं, वे सभी किसी न किसी रूप से बालुसेरी किले या कुरुम्ब्रानड से जुड़े हुए हैं। बाद में वे उत्तरी मालाबार के वेल्लुर, पयानूर में कोट्टानाचेरी मंदिर में स्थापित हो गए।
"कथिना" नामक एक विशेष प्रकार का पटाखा उनके पसंदीदा था।