





कोलारम्मा
Kolaramma
(Temple and presiding deity of Kolar, Karnataka, India)
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कोलारम्मा मंदिर: कर्नाटक की प्राचीन धरोहर (विस्तृत विवरण हिंदी में)
कर्नाटक के कोलार शहर में स्थित कोलारम्मा मंदिर एक हजार साल पुराना भव्य मंदिर है। यह दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है, जिसे चोल राजाओं ने बनवाया था। यहाँ देवी पार्वती को कोलारम्मा के रूप में पूजा जाता है।
प्रमुख आकर्षण:
- देवी कोलारम्मा: कोलार के लोग देवी कोलारम्मा को अपनी कुलदेवी मानते हैं। मैसूर के महाराजा भी यहाँ आकर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते थे।
- शानदार वास्तुकला: मंदिर की वास्तुकला अत्यंत ही सुंदर है। ग्रेनाइट पत्थरों से बनी मूर्तियां और नक्काशी देखते ही बनती हैं।
- चेल्लम्मा देवी: मंदिर में देवी कोलारम्मा के साथ ही चेल्लम्मा यानि बिच्छू देवी की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से चेल्लम्मा की पूजा करता है, उसे बिच्छू के काटने का भय नहीं रहता।
- अद्भुत हुंडी: मंदिर में एक प्राचीन कुआँ है जो हुंडी का काम करता है। लोग इसमें सिक्के डालकर मन्नत मांगते हैं। कहा जाता है कि ये कुआँ दरअसल जमीन में खोदा गया एक विशाल गड्ढा है, जहाँ सदियों से डाले गए सिक्कों की आवाज आज भी सुनी जा सकती है।
कोलारम्मा मंदिर ना केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है।
Kolaramma is the presiding deity of the town of Kolar in Karnataka, India. The Kolaramma temple is thousand years old and built by the Cholas in the South Indian style. Goddess Parvathi is worshipped as Kolaramma by the people of Kolar. The erstwhile maharajas of Mysore frequently visited this temple to get the blessings of Kolaramma. The temple itself has beautifully carved statues and designs all done using the abundantly available granite stones.