





खंडोबा
Khandoba
(Hindu god)
Summary
खंडोबा: महाराष्ट्र के लोकप्रिय कुलदेवता
खंडोबा, जिन्हें मार्तंड भैरव, मल्हारी, म्यलारलिंग, बन्दरदा ओदेय और मल्हार जैसे अनेक नामों से जाना जाता है, मुख्य रूप से भारत के दक्कन पठार, विशेषकर महाराष्ट्र और उत्तर कर्नाटक में शिव के अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। वे महाराष्ट्र के सबसे लोकप्रिय कुलदेवता (परिवारिक देवता) हैं।
विभिन्न समुदायों के आराध्य देव
खंडोबा को कुछ योद्धा, किसान जातियाँ, ९६ कुलीन क्षत्रिय मराठा, चरवाहा समुदाय और ब्राह्मण (पुरोहित) जातियाँ अपना आराध्य देव मानती हैं। इसके साथ ही, इस क्षेत्र के पहाड़ों और जंगलों में रहने वाले कई शिकारी / संग्रहकर्ता जनजातियाँ भी उनकी पूजा करते हैं। खंडोबा संप्रदाय के हिंदू और जैन परंपराओं के साथ संबंध हैं, और यह मुसलमानों सहित सभी समुदायों को जाति के बावजूद आत्मसात करता है।
उत्पत्ति और स्वरूप
नौवीं और दसवीं शताब्दी के दौरान, खंडोबा एक लोक देवता से शिव, भैरव, सूर्य और कार्तिकेय (स्कंद) के गुणों वाले समग्र देवता के रूप में विकसित हुए। उन्हें या तो लिंग के रूप में, या बैल या घोड़े पर सवार योद्धा की छवि के रूप में दर्शाया गया है। खंडोबा पूजा का सबसे प्रमुख केंद्र महाराष्ट्र के जेजुरी का मंदिर है।
दंतकथाएँ और लोकगाथाएं
खंडोबा की किंवदंतियाँ, जो मल्हारी महात्म्य में पायी जाती हैं और लोक गीतों में भी वर्णित हैं, राक्षस मणि-मल्ल पर उनकी विजय और उनके विवाह के इर्द-गिर्द घूमती हैं। इन कहानियों में उनकी वीरता, न्यायप्रियता और दयालुता का वर्णन मिलता है, जो उन्हें जनमानस में प्रिय बनाता है।