





संतोषी माता
Santoshi Mata
(Hindu goddess)
Summary
संतोषी माता: विस्तृत जानकारी (हिंदी में)
संतोषी माता एक हिन्दू देवी हैं जिन्हें "संतोष की माता" के रूप में पूजा जाता है, जैसा कि उनके नाम से ही स्पष्ट है। संतोषी माँ की पूजा विशेष रूप से उत्तर भारत और नेपाल की महिलाओं द्वारा की जाती है। देवी को प्रसन्न करने के लिए महिलाएँ १६ लगातार शुक्रवार को "संतोषी माँ व्रत" नामक एक अनुष्ठानिक उपवास रखती हैं।
संतोषी माता का उदय एक देवी के रूप में १९६० के दशक की शुरुआत में हुआ था। उनकी प्रार्थना शुरू में मुंह-ज़ुबानी, व्रत-पुस्तिका साहित्य और पोस्टर कला के माध्यम से फैली। उनका व्रत उत्तर भारतीय महिलाओं में लोकप्रियता हासिल कर रहा था।
हालांकि, यह १९७५ की बॉलीवुड फिल्म "जय संतोषी माँ" थी जिसने इस तत्कालीन अल्पज्ञात "नई" देवी को भक्ति के शिखर पर पहुँचाया। यह फिल्म देवी और उनकी उत्साही भक्त सत्यवती की कहानी कहती है। फिल्म की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, संतोषी माता अखिल भारतीय हिंदू देवताओं में शामिल हो गईं और उनकी छवियों और मंदिरों को हिंदू मंदिरों में शामिल किया गया।
हालांकि, फिल्म में देवी को लोकप्रिय हिंदू देवता गणेश की पुत्री के रूप में चित्रित किया गया था और उन्हें रक्षा बंधन त्यौहार से जोड़ा गया था, इसका हिंदू धर्मग्रंथों में कोई आधार नहीं है।
कुछ अतिरिक्त जानकारी:
- संतोषी माता को लाल रंग के वस्त्र और आभूषण पसंद हैं।
- उन्हें गुड़ और चने का प्रसाद बहुत प्रिय है।
- व्रत के दौरान खटाई खाने और किसी को भी दुखी करने की मनाही होती है।
- मान्यता है कि संतोषी माता का व्रत सच्चे मन से करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि संतोषी माता एक अपेक्षाकृत नई देवी हैं और हिन्दू धर्म के प्राचीन ग्रंथों में उनका उल्लेख नहीं मिलता है।