नीलकंठ (हिंदू धर्म)

Nilakanta (Hinduism)

(Epithet of Shiva)

Summary
Info
Image
Detail

Summary

नीलकंठ: शिव का नीला कंठ

"नीलकंठ" संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है "नीला कंठ"। यह भगवान शिव के प्रसिद्ध नामों में से एक है। यह नाम उन्हें समुद्र मंथन की एक महत्वपूर्ण घटना के कारण मिला था।

समुद्र मंथन और नीलकंठ:

पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। इस मंथन से अमृत के साथ-साथ हलाहल नामक विष भी निकला। यह विष इतना भयानक था कि इससे पूरी सृष्टि नष्ट हो सकती थी।

सभी देवता और असुर इस विष से भयभीत हो गए। तब भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए इस विष को अपने कंठ में धारण कर लिया। विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला पड़ गया और तभी से उन्हें "नीलकंठ" के नाम से जाना जाने लगा।

नीलकंठ का महत्व:

नीलकंठ नाम शिव के त्याग और करुणा का प्रतीक है। उन्होंने स्वयं विष पीकर पूरी सृष्टि की रक्षा की। यह नाम हमें सिखाता है कि हमें हमेशा दूसरों की भलाई के लिए तत्पर रहना चाहिए, चाहे इसके लिए हमें कितनी भी बड़ी क़ुरबानी क्यों न देनी पड़े।

कला और संस्कृति में नीलकंठ:

नीलकंठ शिव का एक लोकप्रिय रूप है और भारतीय कला और संस्कृति में इसका व्यापक रूप से चित्रण किया जाता है। मूर्तियों, चित्रों और साहित्य में, उन्हें अक्सर नीले कंठ के साथ दिखाया जाता है, जो उनके त्याग और वीरता की याद दिलाता है।


Nilakanta is one of the epithets of the Hindu deity Shiva.



...
...
...
...
...
An unhandled error has occurred. Reload 🗙