हिंदू धर्म में तुलसी

Tulasi in Hinduism

(Personification of holy basil in Hinduism)

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तुलसी - एक पवित्र पौधा

हिंदू धर्म में तुलसी (संस्कृत: तुलसी) एक बहुत ही पवित्र पौधा है। इसे भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। तुलसी को वृंदा भी कहा जाता है, और इस रूप में वो जलांधर की पत्नी मानी जाती हैं।

तुलसी का पौधा हिंदू घरों के आंगन के बीचों-बीच लगाया जाता है। यह पौधा पूजा-पाठ के लिए महत्वपूर्ण है, और इससे आवश्यक तेल भी निकाला जाता है।

तुलसी के बारे में विस्तार से:

  • धार्मिक महत्व: तुलसी को भगवान विष्णु और उनके अवतारों, जैसे कृष्ण और विठोबा की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी के पत्ते भगवान को अर्पित किए जाते हैं।
  • अवतार: तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, और वृंदा के रूप में वो जलांधर की पत्नी हैं।
  • पौधे का उपयोग: तुलसी के पत्तों का उपयोग पूजा के अलावा, औषधीय गुणों के लिए भी किया जाता है। यह पौधा कई बीमारियों के इलाज में उपयोगी माना जाता है।
  • घर में महत्व: तुलसी का पौधा घर में शुद्धता और समृद्धि लाने के लिए लगाया जाता है। इसकी सुगंध और सौंदर्य घर को सुंदर बनाते हैं।

संक्षेप में:

तुलसी एक पवित्र पौधा है जो हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पूजा-पाठ के लिए जरूरी है, और इसके औषधीय गुण भी इसे विशेष बनाते हैं।


Tulasi, or Vrinda is a sacred plant in Hindu tradition. Hindus regard it as an earthly manifestation of the goddess Tulasi; she is regarded as the avatar of Lakshmi, and thus the consort of the god Vishnu. In another iteration, as Vrinda, she is married to Jalandhara. The offering of its leaves is recommended in ritualistic worship of Vishnu and his avatars, like Krishna and Vithoba.



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