मातृकाएँ

Matrikas

(Group of Hindu mother goddesses)

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मातृकाएँ: हिंदू धर्म की मातृ देवियाँ (Matrikas: Mother Goddesses in Hinduism)

मातृकाएँ, जिन्हें मातर या मातृ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में देवी माँओं का एक समूह है जिन्हें हमेशा एक साथ चित्रित किया जाता है।

सप्तमातृकाएँ और अष्टमातृकाएँ (Saptamatrikas and Ashtamatrikas):

  • मातृकाओं को अक्सर सात के समूह, सप्तमातृकाओं (सात माताओं) के रूप में दर्शाया जाता है।
  • हालाँकि, उन्हें आठ के समूह, अष्टमातृकाओं के रूप में भी दर्शाया गया है।
  • बृहत् संहिता में, वराहमिहिर कहते हैं कि "माताओं को उनके नामों के अनुरूप (विभिन्न प्रमुख हिंदू) देवताओं के ज्ञान के साथ बनाया जाना है।"

देवताओं से संबंध (Association with Gods):

  • इन्हें इन देवताओं के साथ उनकी पत्नियों या उनकी शक्तियों के रूप में जोड़ा जाता है।
    • ब्राह्मणी - ब्रह्मा
    • वैष्णवी - विष्णु
    • माहेश्वरी - शिव
    • इंद्राणी - इंद्र
    • कौमारी - कार्तिकेय
    • वाराही - वराह
    • चामुंडा - चंडी
    • नरसिंही - नरसिंह (अष्टमातृका में)
    • विनायकी - गणेश (अष्टमातृका में)

उत्पत्ति और विकास (Origin and Evolution):

  • मूल रूप से कृत्तिका नक्षत्र के सात सितारों की पहचान मानी जाती थी।
  • सातवीं शताब्दी तक काफ़ी लोकप्रिय हो गईं।
  • नौवीं शताब्दी के बाद से देवी मंदिरों की एक मानक विशेषता बन गई।

भौगोलिक वितरण (Geographic Distribution):

  • दक्षिण भारत में, सप्तमातृका पूजा प्रचलित है
  • जबकि अष्टमातृकाओं की पूजा नेपाल और अन्य स्थानों पर की जाती है।

धार्मिक महत्व (Religious Significance):

  • तंत्रवाद (Tantrism): देवी-उन्मुख संप्रदाय, तंत्रवाद में मातृकाओं का अत्यधिक महत्व है।
  • शक्तिवाद (Shaktism): उन्हें "राक्षसों के साथ अपनी लड़ाई में महान शाक्त देवी (देवी) की सहायता करने" के रूप में वर्णित किया गया है।
  • शैव धर्म (Shaivism): कुछ विद्वान उन्हें शैव देवी मानते हैं।
  • स्कंद पूजा (Skanda Worship): इन्हें योद्धा देवता स्कंद की पूजा से भी जोड़ा जाता है।

प्रारंभिक भूमिकाएँ और विशेषताएँ (Early Roles and Characteristics):

  • अधिकांश प्रारंभिक संदर्भों में, मातृकाएँ बच्चों के गर्भाधान, जन्म, बीमारियों और सुरक्षा से जुड़ी हैं।
  • उन्हें अशुभ और "खतरों की पहचान" के रूप में देखा जाता था।
  • इन बुराइयों से बचने के लिए इन्हें प्रसन्न किया जाता था, जो इतने सारे बच्चों को वयस्कता तक पहुँचने से पहले ही मार देती थीं।

बाद की पौराणिक कथाओं में भूमिका (Role in Later Mythology):

  • बाद की पौराणिक कथाओं में एक सुरक्षात्मक भूमिका निभाती हैं।
  • हालाँकि उनकी कुछ प्रारंभिक अशुभ और जंगली विशेषताएँ इन किंवदंतियों में जारी हैं।
  • इस प्रकार, वे प्रकृति के विपुल रूप से उपजाऊ पहलू के साथ-साथ इसके विनाशकारी शक्ति पहलू का भी प्रतिनिधित्व करती हैं।

Matrikas (Sanskrit: मातृका (singular), IAST: mātṝkā, lit. "mothers") also called Matar or Matri, are a group of mother goddesses who are always depicted together in Hinduism. The Matrikas are often depicted in a group of seven, the Saptamatrika(s) (Seven Mothers). However, they are also depicted as a group of eight, the Ashtamatrika(s). In the Brihat Samhita, Varahamihira says that "Mothers are to be made with cognizance of (different major Hindu) gods corresponding to their names." They are associated with these gods as their spouses or their energies (Shaktis). Brahmani emerged from Brahma, Vaishnavi from Vishnu, Maheshvari from Shiva, Indrani from Indra, Kaumari from Kartikeya, Varahi from Varaha and Chamunda from Chandi. and additionals are Narasimhi from Narasimha and Vinayaki from Ganesha.



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