मुचिलोत भगवती

Muchilot Bhagavathi

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मुचिलोत भगवती: उत्तर मालाबार की संरक्षक देवी

मुचिलोत भगवती दक्षिण पश्चिम भारत के उत्तरी मालाबार में वणिक सामाजिक वर्ग की कुलदेवी हैं। "मुचिलोत" नाम "मुचुकुन्ना उल्लोरिल अम्मा" (जिसका अर्थ है "छिपकर रहने वाली माँ") से लिया गया है। उन्हें ईषाला भगवती, कनियाल भगवती और मन्नलाम्मा के रूप में भी पूजा जाता है।

मान्यता:

  • वणिक समुदाय की संरक्षक: मुचिलोत भगवती को वणिक समुदाय की समृद्धि, सुरक्षा और कल्याण का स्रोत माना जाता है।
  • शक्ति और साहस का प्रतीक: वह एक उग्र देवी हैं जो अपने भक्तों को बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से बचाती हैं।
  • न्याय की देवी: उनके भक्तों का मानना है कि मुचिलोत भगवती अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ाई में उनका साथ देती हैं।

मंदिर:

  • उत्तरी केरल में 108 से अधिक मुचिलोत मंदिर फैले हुए हैं।
  • इन मंदिरों में साल भर विभिन्न त्योहार और उत्सव मनाए जाते हैं।
  • मुख्य मंदिर: केरल के कन्नूर जिले में स्थित मुचिलोत भगवती मंदिर को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

पूजा:

  • मुचिलोत भगवती की पूजा मुख्य रूप से मालाबार क्षेत्र में प्रचलित है।
  • उनके भक्त व्रत रखते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं और देवी को नारियल, फूल और धूप अर्पित करते हैं।
  • मुचिलोत भगवती स्तोत्रम का पाठ करना शुभ माना जाता है।

संक्षेप में, मुचिलोत भगवती उत्तरी मालाबार की एक महत्वपूर्ण देवी हैं जो शक्ति, साहस और न्याय का प्रतीक हैं। वह अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उनके जीवन में समृद्धि और कल्याण लाती हैं।


Muchilot Bhagavathi is the tutelary deity of the Vaniyas social class of North Malabar, in southwest India. Muchilot Bhagavathi is also worshipped as Eezhala Bhagavati, Kaniyal bagavathi and Maññaḷamma. There are more than 108 Muchilot temples spread across Northern Kerala.



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