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तारा (महाविद्या)
Tara (Mahavidya)
(Hindu goddess)
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तारा देवी: शक्ति और मुक्ति की देवी (Tara Devi: Goddess of Power and Liberation)
हिन्दू धर्म के शैव और शाक्त सम्प्रदायों में, तारा देवी को दस महाविद्याओं में से दूसरी महाविद्या माना जाता है। "तारा" संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है "तारने वाली" या "मुक्ति दिलाने वाली"। यह माना जाता है कि वह आदिशक्ति का ही एक रूप हैं, जो पार्वती का तांत्रिक स्वरूप है।
तारा देवी की तीन सबसे प्रसिद्ध रूप हैं:
- एकजटा (Ekajaṭā): एकजटा का अर्थ है "एक जटा वाली"। यह तारा देवी का उग्र रूप है जो भक्तों को भय और अज्ञान से मुक्त करती है।
- उग्रतारा (Ugratara): इस रूप में देवी अत्यंत उग्र और शक्तिशाली दिखाई देती हैं। यह माना जाता है कि उग्रतारा अपने भक्तों को सभी प्रकार के बंधनों से मुक्त करती हैं।
- नीलसरस्वती (Nīlasarasvatī): नीलसरस्वती को ज्ञान, विद्या और वाणी की देवी माना जाता है। यह देवी अपने भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती हैं और उन्हें मोक्ष की ओर ले जाती हैं।
तारा देवी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर पश्चिम बंगाल, भारत में स्थित तारापीठ है। यह स्थान एक शक्तिपीठ और श्मशान घाट भी है जहाँ देवी की पूजा की जाती है। तारा देवी की पूजा से भक्तों को शक्ति, साहस, ज्ञान और मुक्ति की प्राप्ति होती है।
In the Shaivism and Shaktism tradition of Hinduism, the goddess Tara is the second of the ten Mahavidyas. She is considered a form of Adishakti, the tantric manifestation of Parvati. Her three most famous forms are Ekajaṭā, Ugratara, and Nīlasarasvatī. Her most famous centre of worship is the temple and the cremation ground of Tarapith in West Bengal, India.