Brahmacharini

Brahmacharini

(Second form of goddess Durga)

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ब्रह्मचारिणी: देवी पार्वती का दूसरा रूप

ब्रह्मचारिणी संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है - वह स्त्री जो ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए विद्या प्राप्ति में लीन रहती है। यह देवी दुर्गा के नौ रूपों (नवदुर्गा) में से एक हैं और नवरात्रि के दूसरे दिन इनकी पूजा की जाती है।

कौन हैं ब्रह्मचारिणी?

  • ब्रह्मचारिणी, माता पार्वती का ही एक रूप हैं।
  • यह रूप तब धारण किया गया था जब पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।
  • यह तपस्या हजारों वर्षों तक चली थी और इस दौरान उन्होंने अनेक कष्ट सहे थे।
  • इस कठोर तपस्या के कारण ही इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा जाने लगा।

कैसी हैं ब्रह्मचारिणी?

  • देवी ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र धारण करती हैं जो पवित्रता और सादगी का प्रतीक है।
  • उनके दाहिने हाथ में जपमाला और बाएं हाथ में कमंडल होता है।
  • जपमाला निरंतर ईश्वर के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
  • कमंडल ज्ञान और तपस्या का प्रतीक है।

ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व:

  • ब्रह्मचारिणी की पूजा से साधक में तप, त्याग, संयम और साहस का विकास होता है।
  • यह मन को एकाग्र करने और लक्ष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।
  • विद्यार्थियों के लिए इनकी पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

संक्षेप में, ब्रह्मचारिणी हमें दृढ़ इच्छाशक्ति, समर्पण और अनुशासन का महत्व सिखाती हैं। यह हमें कठिनाइयों का सामना डटकर करने और सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा देती हैं।


Brahmacharini means a devoted female student who lives in an Ashrama with her Guru along with other students. She is the second aspect of the Navadurga forms of Mahadevi and is worshipped on the second day of Navaratri. The goddess Brahmacharini is an aspect of Parvati and wears white clothes, holding a japamala in her right hand and a kamandalu in her left.



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