





गरुड़
Garuda
(Eagle-like demigod in Hindu mythology)
Summary
गरुड़: हिन्दू धर्म का दिव्य पक्षीराज
गरुड़ (संस्कृत: गरुड) एक शक्तिशाली हिंदू देवता हैं जिन्हें मुख्य रूप से भगवान विष्णु का वाहन (सवारी) माना जाता है। यह दिव्य प्राणी हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों में पूजनीय हैं।
गरुड़ का परिवार और जन्म:
गरुड़ ऋषि कश्यप और उनकी पत्नी विनता के पुत्र हैं। वे अरुण, सूर्य देव के सारथी, के छोटे भाई हैं। गरुड़ देवताओं, गंधर्वों, दैत्यों, दानवों, नागों, वानरों और यक्षों के सौतेले भाई भी हैं।
गरुड़ का स्वरूप और विशेषताएँ:
गरुड़ को पक्षियों का राजा और चील जैसे रूप में वर्णित किया गया है। उन्हें या तो एक विशाल पक्षी के रूप में दिखाया जाता है जिसके पंख आंशिक रूप से खुले होते हैं, या एक मानवरूपी रूप में दिखाया जाता है जिसके पंख और कुछ पक्षी जैसी विशेषताएं होती हैं।
गरुड़ को आम तौर पर एक रक्षक के रूप में चित्रित किया जाता है जो कहीं भी तेजी से यात्रा करने की शक्ति रखता है। वे सदा सतर्क और हर सर्प के दुश्मन माने जाते हैं। उन्हें तार्क्ष्य और वैनतेय के नाम से भी जाना जाता है।
गरुड़ का महत्व:
- धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख: गरुड़ का उल्लेख कई हिंदू धार्मिक ग्रंथों जैसे पुराणों और वेदों में मिलता है।
- राजकीय प्रतीक: गरुड़ भारत, इंडोनेशिया और थाईलैंड के राजकीय प्रतीक का हिस्सा हैं। इंडोनेशिया और थाईलैंड दोनों में गरुड़ उनके राष्ट्रीय चिन्ह हैं, भारतीय सेना अपने गार्ड्स ब्रिगेड रेजिमेंटल प्रतीक चिन्ह पर गरुड़ का उपयोग करती है।
- गरुड़ कमांडो फोर्स: भारतीय वायु सेना ने अपनी विशेष अभियान इकाई का नाम गरुड़ के नाम पर "गरुड़ कमांडो फोर्स" रखा है।
- प्राकृतिक दुनिया से संबंध: गरुड़ अक्सर ग्रेटर एडजुटेंट सारस (लेप्टोप्टिलोस डबियस) से जुड़े होते हैं।
संक्षेप में, गरुड़ एक शक्तिशाली और पूजनीय हिंदू देवता हैं जो अपनी गति, शक्ति और निष्ठा के लिए जाने जाते हैं। वे न केवल धार्मिक ग्रंथों में बल्कि कला, संस्कृति और प्रतीकों में भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।