





शीतला देवी
Shitala
(Hindu goddess)
Summary
शीतला देवी: शीतलता की देवी, माँ पार्वती का रूप
शीतला देवी, जिनका नाम संस्कृत शब्द "शीतला" से लिया गया है जिसका अर्थ है "ठंडक", उत्तर भारत में विशेष रूप से पूजी जाने वाली एक हिंदू देवी हैं। उन्हें माता पार्वती का ही एक अवतार माना जाता है।
माँ शीतला को चेचक, फोड़े-फुंसी, घाव, दाद और अन्य त्वचा रोगों के उपचार के लिए पूजा जाता है। विशेष रूप से उन्हें चेचक के रोग की देवी माना जाता है।
कब होती है पूजा?
शीतला माता की पूजा हर महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को की जाती है, जिसे शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी कहा जाता है। हालांकि, होली के बाद, चैत्र मास में आने वाली शीतला सप्तमी और अष्टमी का विशेष महत्व है।
माँ शीतला का स्वरुप:
माँ शीतला को अक्सर गधे पर सवार दिखाया जाता है। उनके एक हाथ में कलश होता है जिसमें शीतल जल होता है, और दूसरे हाथ में झाड़ू या झाड़न होती है।
मान्यता:
ऐसी मान्यता है कि माँ शीतला अपने भक्तों को रोगों से मुक्त करती हैं और उन्हें शीतलता प्रदान करती हैं। शीतला अष्टमी के दिन बासी भोजन खाने की परंपरा है, जिसे "ठंडा भोजन" कहा जाता है। यह परंपरा इस मान्यता पर आधारित है कि शीतला माता को बासी भोजन का भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को स्वस्थ रखती हैं।