





मैसम्मा
Maisamma
()
Summary
मैसम्मा: एक दक्षिण भारतीय ग्राम देवी
मैसम्मा (तेलुगु: మైసమ్మ), जिन्हें मेसाई (मराठी: मेसाई) या मेस्को (मराठी: मेस्को) भी कहा जाता है, एक हिंदू लोक देवी हैं। उन्हें तेलुगु में अम्मा और मराठी में आई (माँ) भी कहते हैं। वे मुख्य रूप से तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में एक दक्षिण भारतीय माँ देवी के रूप में पूजी जाती हैं।
पशुधन की रक्षक:
मान्यता है कि मैसम्मा पशुधन की रक्षा करती हैं। गौशालाओं में, एक जगह को सफेदी करके "कुंकुम" से सजाया जाता है और उसे "मैसम्मा गुडी" कहा जाता है। कई स्थानों पर कट्टा-मैसम्मा को जल देवी के रूप में भी पूजा जाता है और टैंक बांध पर एक छोटे से पत्थर के रूप में उनकी पूजा की जाती है। लोगों का मानना है कि वह यह सुनिश्चित करेंगी कि टैंक हमेशा पानी से भरा रहे।
शिव और पार्वती की पुत्री:
ऐसा माना जाता है कि मैसम्मा, भगवान शिव और देवी पार्वती की पुत्री हैं।
विभिन्न नामों से पूजा:
जिस स्थान पर उनकी पूजा की जाती है, उसके अनुसार उन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है:
- कट्टा मैसम्मा: (जो पानी की रक्षा करती हैं)
- नल्ला मैसम्मा: (जो काले रंग की हैं और एक पेड़ के नीचे पूजी जाती हैं)
- टेला मैसम्मा: (जो सफेद रंग की हैं और एक छोटे से मकबरे जैसी संरचना या दीवार में पूजी जाती हैं)
- बंगारू मैसम्मा: (जिनका रंग सुनहरा है और जो नगर/गांव की रक्षा करती हैं)
- वेंडी मैसम्मा: (जिनकी पूजा गाँव के बाहरी इलाके में की जाती है और जो चांदी धारण करती हैं)
- पंता मैसम्मा: (जिनकी पूजा कृषि भूमि में की जाती है, उनकी कोई मूर्ति नहीं होती है, फसल कटाई से पहले और बाद में उनकी पूजा की जाती है)
फसल की समृद्धि और रोगों से रक्षा:
ऐसा माना जाता है कि उनकी कृपा से फसलें अच्छी होती हैं। उनकी पूजा मुख्य रूप से चेचक और छोटी माता जैसे रोगों को दूर करने से भी जुड़ी है।