यम

Yama

(Hindu god of death)

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यम: मृत्यु और न्याय के देवता (हिंदी में विस्तृत विवरण)

यम, जिन्हें काल और धर्मराज भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में मृत्यु और न्याय के देवता हैं। वे अपने निवास स्थान, नरक में पापियों को दंड देने और कर्मों का फल प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं।

यम का परिचय:

  • नाम और अर्थ: यम शब्द का संस्कृत में अर्थ है "जुड़वा"।
  • पर्यायवाची: काल (समय), धर्मराज (धर्म के राजा)।
  • भूमिका: मृत्यु और न्याय के देवता, मृतकों के न्यायाधीश।
  • निवास स्थान: नरक (नर्क)
  • पहचान: अक्सर धर्मदेव (धर्म के देवता) के साथ, लेकिन दोनों की उत्पत्ति और कहानियाँ अलग हैं।

वेदों में यम:

  • प्रथम मरण पावने वाले मनुष्य, जिन्होंने स्वर्ग का मार्ग दिखाया।
  • इसलिए मृतकों के राजा बने।

उनकी भूमिका और विशेषताओं का विस्तार:

  • उपनिषदों, रामायण, महाभारत और पुराणों में विस्तृत वर्णन।

यम का परिवार:

  • यमी के जुड़वां भाई।
  • सूर्य देव (पुराने ग्रंथों में विवस्वान) और संज्ञा के पुत्र।

मृत्यु के बाद का निर्णय:

  • मृत आत्माओं का न्याय करते हैं।
  • उनके कर्मों के आधार पर उन्हें पितृलोक (पितरों का लोक), नरक, या पुनर्जन्म का आदेश देते हैं।

लोकपाल:

  • दक्षिण दिशा के रक्षक और लोकपालों (लोकों के संरक्षक) में से एक।

रूप वर्णन:

  • श्याम वर्ण, भैंसे की सवारी करते हैं।
  • आत्माओं को पकड़ने के लिए फंदा या गदा धारण करते हैं।

अन्य धर्मों में:

  • बौद्ध, चीनी, तिब्बती, कोरियाई और जापानी पौराणिक कथाओं में भी नरक के राजा के रूप में अपनाए गए।

आधुनिक संस्कृति में:

  • भारत में विभिन्न सुरक्षा अभियानों में चित्रित किया गया है।

संक्षेप में: यम हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण देवता हैं जो मृत्यु और न्याय का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे मृतकों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और उन्हें उनके कर्मों के अनुसार उचित स्थान प्रदान करते हैं।


Yama, also known as Kāla and Dharmarāja, is the Hindu god of death and justice, responsible for the dispensation of law and punishment of sinners in his abode, Naraka. He is often identified with Dharmadeva, the personification of Dharma, though the two deities have different origins and myths.



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