





त्रिमूर्ति
Trimurti
(Hinduism's supreme triumvirate or triple deity of supreme divinity)
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त्रिमूर्ति: हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण अवधारणा (हिंदी में विस्तृत विवरण)
हिंदू धर्म में, त्रिमूर्ति सर्वोच्च देवत्व की त्रिशक्ति का प्रतीक है। यह सृष्टि, पालन और संहार के ब्रह्मांडीय कार्यों को तीन देवताओं के रूप में व्यक्त करता है।
- ब्रह्मा: सृजनकर्ता देव। वे सृष्टि के आरंभकर्ता हैं और वेदों का ज्ञान रखने वाले हैं।
- विष्णु: पालनकर्ता देव। वे संसार को संतुलन में रखते हैं और धर्म की रक्षा करते हैं। विष्णु के दस अवतारों की कथाएँ बहुत प्रसिद्ध हैं।
- शिव: संहारकर्ता देव। वे सृष्टि का अंत करते हैं, लेकिन ये अंत एक नए आरंभ का भी सूचक होता है। शिव को योगी और कैलाश पर्वत का निवासी माना जाता है।
ॐ: हिंदू धर्म का पवित्र प्रतीक 'ॐ' त्रिमूर्ति का सूचक माना जाता है। 'अ', 'उ' और 'म' - ये तीन ध्वनियाँ क्रमशः सृजन, पालन और संहार का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन तीनों का योग ब्रह्म की ओर संकेत करता है, जो परम सत्य है।
त्रिदेवी: त्रिमूर्ति के देवताओं की पत्नियां त्रिदेवी कहलाती हैं। ये हैं:
- सरस्वती: ब्रह्मा की पत्नी, विद्या, कला और संगीत की देवी।
- लक्ष्मी: विष्णु की पत्नी, धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी।
- पार्वती: शिव की पत्नी, शक्ति, प्रेम और भक्ति की देवी।
त्रिमूर्ति की अवधारणा हिंदू धर्म के दर्शन को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। यह ब्रह्मांड की निरंतर गतिशीलता, सृजन और विनाश के चक्र, और इन सबके पीछे एक अद्वितीय शक्ति के अस्तित्व को दर्शाता है.
The Trimurti is the trinity of supreme divinity in Hinduism, in which the cosmic functions of creation, preservation, and destruction are personified as a triad of deities. Typically, the designations are that of Brahma the creator, Vishnu the preserver, and Shiva the destroyer. The Om symbol of Hinduism is considered to have an allusion to Trimurti, where the A, U, and M phonemes of the word are considered to indicate creation, preservation and destruction, adding up to represent Brahman. The Tridevi is the trinity of goddess consorts for the Trimurti.