





क्षेत्रपाल
Kshetrapala
(Tutelary guardian deity in Indian religions)
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क्षेत्रपाल: भूमि के रक्षक देवता
"क्षेत्रपाल" एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है "क्षेत्र का रक्षक"। भारतीय धर्मों में, क्षेत्रपाल एक महत्वपूर्ण देवता हैं जिन्हें पवित्र भूमि, खेतों और क्षेत्रों का रक्षक माना जाता है।
कौन हैं क्षेत्रपाल?
- क्षेत्रपाल देवताओं का एक ऐसा समूह है जो किसी खास जमीन, खेत या क्षेत्र की रक्षा करते हैं।
- यह माना जाता है कि वे उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों, पशुओं और फसलों की रक्षा करते हैं।
- "क्षेत्र" शब्द का अर्थ होता है "भूमि" या "क्षेत्र" और "पाल" का अर्थ होता है "रक्षक"।
क्षेत्रपाल की मान्यताएँ:
- हिंदू धर्म में, क्षेत्रपाल को अक्सर शिव जी के गणों में से एक माना जाता है।
- कई जगहों पर, लोग अपनी जमीन या घर की नींव रखने से पहले क्षेत्रपाल की पूजा करते हैं।
- किसान अपनी फसलों की रक्षा के लिए भी क्षेत्रपाल की पूजा करते हैं।
- क्षेत्रपाल को प्रसन्न करने के लिए लोग अक्सर उन्हें नारियल, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करते हैं।
क्षेत्रपाल का महत्व:
- क्षेत्रपाल की पूजा हमें याद दिलाती है कि हमें अपनी भूमि और प्रकृति का सम्मान करना चाहिए।
- यह मान्यता हमें पर्यावरण की रक्षा करने और उसे स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करती है।
संक्षेप में, क्षेत्रपाल भारतीय संस्कृति में भूमि और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक हैं। वे हमें याद दिलाते हैं कि हमें अपने आस-पास के वातावरण की रक्षा करनी चाहिए और उसे समृद्ध बनाए रखना चाहिए।
Kshetrapala is a guardian deity featured in Indian religions. In Hindu belief, a kshetrapala is the guardian deity of consecrated land or farmland. Kshetrapala became a generic name applied to deities associated with a piece or parcel of land, or a particular region.