बटुका भैरव

Batuka Bhairava

(Form of Shiva)

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बटुक भैरव: एक विस्तृत विवरण

बटुक भैरव, जिन्हें वटुक भैरव भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में भगवान शिव के भैरव रूप का एक उग्र और शक्तिशाली अवतार हैं। "बटुक" का अर्थ होता है "बालक" या "युवा," और यह रूप शिव की शक्ति और उग्रता को एक युवा और तेजस्वी रूप में दर्शाता है।

रूप:

बटुक भैरव को प्रायः एक भयाभीत और नग्न युवक के रूप में चित्रित किया जाता है। उनके बाल प्रायः जटाओं में बंधे होते हैं और उनके शरीर पर भस्म लगी होती है। उनके हाथों में त्रिशूल, डमरू, खप्पर, और अन्य अस्त्र-शस्त्र होते हैं।

तांत्रिक परंपरा:

तांत्रिक परंपरा में बटुक भैरव का विशेष महत्व है। उन्हें अक्सर एक कुत्ते के साथ चित्रित किया जाता है, जो उनके वाहन का प्रतीक है। तांत्रिक साधना में बटुक भैरव की पूजा शक्ति, सुरक्षा और बाधाओं को दूर करने के लिए की जाती है।

महत्व:

बटुक भैरव शक्ति और उग्रता के देवता हैं। उनकी पूजा भय, शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा के लिए की जाती है। वे भक्तों को साहस, शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:

  • बटुक भैरव की पूजा मुख्यतः तांत्रिक साधकों द्वारा की जाती है, लेकिन आम लोग भी उनकी पूजा कर सकते हैं।
  • उनकी पूजा में मांस, मदिरा और अन्य तामसिक वस्तुओं का प्रयोग वर्जित नहीं है।
  • बटुक भैरव को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रों का जाप, यज्ञ और विशेष पूजा की जाती है।

यह विवरण बटुक भैरव के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी प्रदान करता है। अधिक जानकारी के लिए, आप धार्मिक ग्रंथों, विद्वानों और तांत्रिक गुरुओं से परामर्श कर सकते हैं।


Batuka Bhairava or Vatuka Bhairava is a fierce form of Shiva in Hindu iconography, associated with his manifestation of Bhairava. This form of Shiva is depicted as a fierce, nude youth, usually accompanied with a dog in the Tantric tradition.



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