रक्तेश्वरी

Rakteswari

(Hindu folk goddess)

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रक्तेश्वरी: आदि पराशक्ति का एक रौद्र रूप

रक्तेश्वरी, जिन्हें रक्तेश्वरी भी कहा जाता है, आदि पराशक्ति का एक प्रमुख और प्रसिद्ध रूप हैं। इन्हें दुर्गा परमेश्वरी के रूप में भी जाना जाता है। रक्तेश्वरी की पूजा मुख्यतः परशुराम क्षेत्रों में की जाती है।

तुलुनाडु में रक्तेश्वरी को इष्टदेवी (कुलदेवी) माना जाता है।

विस्तार:

  • आदि पराशक्ति: आदि पराशक्ति हिन्दू धर्म में सर्वोच्च देवी हैं, जो ब्रह्मांड की आदि शक्ति यानि मूल ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं।
  • दुर्गा परमेश्वरी: दुर्गा, शक्ति और शौर्य की देवी हैं, जो बुरी शक्तियों के संहार के लिए जानी जाती हैं। रक्तेश्वरी को दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है।
  • परशुराम क्षेत्र: मानता है की भगवान परशुराम ने क्षत्रियों के अत्याचार से पृथ्वी को मुक्त कराने के लिए उनका संहार किया था। युद्ध के बाद उन्होंने अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए 21 स्थानों पर भगवान शिव की तपस्या की और शिवलिंग स्थापित किए। इन स्थानों को परशुराम क्षेत्र कहा जाता है, जहाँ रक्तेश्वरी की पूजा प्रमुखता से होती है।
  • तुलुनाडु: यह दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य का एक तटीय क्षेत्र है, जहाँ रक्तेश्वरी को कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। यहाँ अनेक मंदिर रक्तेश्वरी को समर्पित हैं।
  • इष्टदेवी: इष्टदेवी का अर्थ है - वह देवी जिसकी पूजा कोई व्यक्ति विशेष रूप से करता है और जिन्हें वह अपना रक्षक और मार्गदर्शक मानता है।

रक्तेश्वरी अपने भक्तों को शक्ति, साहस और रक्षा प्रदान करती हैं।


Rakteswari, identified as an aspect of Adi Parashakti, also known as Durga Parameswari, is a principal and popular form of Hindu goddess worshipped mainly in Parshurama Kshetras. Rakteswari is the iṣṭa-devatā of Tulu Nadu.



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