





रक्तदंतिका
Raktadantika
(Hindu goddess)
Summary
रक्तदन्तिका : दुर्गा का एक भयानक रूप
रक्तदन्तिका, जिनका नाम संस्कृत में "लाल दांत वाली" के रूप में अनुवादित होता है, हिंदू देवी दुर्गा का एक उग्र और शक्तिशाली रूप हैं। देवी महात्म्य, जो दुर्गा सप्तशती का एक भाग है, में रक्तदन्तिका की उत्पत्ति और उनके पराक्रम का वर्णन मिलता है।
रक्तदन्तिका का जन्म:
देवी महात्म्य के अनुसार, जब असुर विप्रचित्ति के वंशजों ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा दिया, तब देवी दुर्गा ने उनके संहार के लिए रक्तदन्तिका का रूप धारण किया। विप्रचित्ति के वंशज अत्यंत बलशाली और क्रूर थे, जिन्होंने देवताओं को परास्त कर स्वर्ग पर अपना अधिकार कर लिया था।
रक्तदन्तिका का स्वरूप:
रक्तदन्तिका का वर्णन अत्यंत भयानक और रौद्र रूप में किया गया है। उनके शरीर का रंग लाल है और उनके दांत भी लाल रंग के हैं, जिनसे रक्त टपकता रहता है। उनके तीन नेत्र हैं और उनके बाल बिखरे हुए हैं। वे सिंह पर सवार हैं और उनके हाथों में त्रिशूल, खड्ग, खेटक और अन्य अस्त्र-शस्त्र सुशोभित हैं।
रक्तदन्तिका का पराक्रम:
रक्तदन्तिका ने विप्रचित्ति के वंशजों का संहार करने के लिए भीषण युद्ध किया। उन्होंने अपनी शक्ति से असुरों की विशाल सेना को धूल चटा दी और उनके रक्त से पृथ्वी लाल हो गई। इस युद्ध में रक्तदन्तिका ने विभिन्न शक्तियों का प्रदर्शन किया, जिससे देवता भी आश्चर्यचकित रह गए।
रक्तदन्तिका और काली:
कुछ मान्यताओं के अनुसार, रक्तदन्तिका को देवी काली का ही एक रूप माना जाता है। काली की तरह, रक्तदन्तिका भी शक्ति और शक्ति की देवी हैं, जो बुरी ताकतों का नाश करती हैं।
निष्कर्ष:
रक्तदन्तिका देवी दुर्गा का एक शक्तिशाली और भयानक रूप हैं, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक हैं। उनकी पूजा भक्तों को साहस, शक्ति और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती है।