नागलक्ष्मी

Nagalakshmi

(Consort of Shesha in Hinduism)

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नागलक्ष्मी: सर्प देवी और क्षीरसागर की अधिपति

नागलक्ष्मी एक सर्प देवी हैं और शेषनाग की पत्नी हैं। शेषनाग, नागराज (सर्पों के राजा) और विष्णु के दो वाहनों में से एक हैं, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में प्रसिद्ध हैं। नागलक्ष्मी को क्षीरसागर (दुग्ध सागर) की देवी माना जाता है।

विवरण:

  • नागलक्ष्मी (संस्कृत: नागलक्ष्मी, रोमन लिपि: nāgalakṣmī)
  • विशेषताएँ: सर्प देवी, शेषनाग की पत्नी, क्षीरसागर की अधिपति
  • पौराणिक महत्व: हिंदू पौराणिक कथाओं में, नागलक्ष्मी को समृद्धि, धन और सौभाग्य से जोड़ा जाता है।
  • क्षीरसागर: क्षीरसागर एक पौराणिक महासागर है, जिसे समुद्र मंथन के समय से उत्पन्न माना जाता है। नागलक्ष्मी को इस महासागर की देवी माना जाता है, जो समृद्धि और धन का प्रतीक है।
  • शेषनाग: शेषनाग एक अत्यंत शक्तिशाली नागराज हैं, जो विष्णु के वाहनों में से एक हैं। वे विष्णु को अपने सात फनों पर सुलाए रहते हैं।

नागलक्ष्मी और शेषनाग का संबंध:

नागलक्ष्मी और शेषनाग का संबंध हिंदू पौराणिक कथाओं में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। शेषनाग, जो क्षीरसागर में रहते हैं, नागलक्ष्मी को अपनी पत्नी मानते हैं। नागलक्ष्मी की उपस्थिति से शेषनाग का शक्ति और प्रभाव और भी बढ़ जाता है।

धार्मिक महत्व:

नागलक्ष्मी को धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी के रूप में पूजा जाता है। लोग उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं और उनके मंदिरों में पूजा करते हैं। नागलक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से सर्पों और सांपों से संबंधित समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए की जाती है।


Nagalakshmi is a serpent goddess and the consort of Shesha, a nagaraja and one of the two mounts of Vishnu featured in Hindu mythology. She is considered to be the personification of the divine ocean called the Kshira Sagara.



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