





भूमि (देवी)
Bhumi (goddess)
(Hindu goddess of the earth)
Summary
भूमि देवी: धरती माँ का स्वरुप
हिंदू धर्म में, भूमि को केवल मिट्टी या जमीन नहीं, बल्कि एक देवी के रूप में पूजा जाता है। उन्हें भूमि, भूदेवी और वसुंधरा जैसे नामों से जाना जाता है। भूदेवी, पृथ्वी का ही एक दिव्य और स्त्री रूप हैं।
विष्णु जी की पत्नी:
भूदेवी, भगवान विष्णु के वराह अवतार की पत्नी हैं। वैष्णव परंपरा के अनुसार, वे श्रीदेवी और नीलादेवी के साथ, विष्णु जी की दूसरी पत्नी मानी जाती हैं।
हिरण्याक्ष से मुक्तिदाता:
हिंदू पुराणों के अनुसार, विष्णु जी ने वराह अवतार में, भूदेवी को दुष्ट असुर हिरण्याक्ष के चंगुल से बचाया था। इसके बाद, उन्होंने भूदेवी से विवाह किया और वे उनकी पत्नी बनीं।
माँ का स्वरुप:
भूदेवी को नरकासुर, मंगल और सीता की माँ माना जाता है।
द्वापर युग में सत्यभामा:
द्वापर युग में, भूदेवी ने भगवान कृष्ण (विष्णु का अवतार) की पत्नी, सत्यभामा के रूप में जन्म लिया था। यह जन्म उन्होंने दुष्ट असुर नरकासुर का वध करने के लिए लिया था।
अंडाल भी भूदेवी का अवतार:
केवल महिला अलवार, अंडाल को भी भूदेवी का अवतार माना जाता है।
निष्कर्ष:
भूदेवी, प्रकृति के प्रति आदर और कृतज्ञता का प्रतीक हैं। वे धरती माँ का ही स्वरुप हैं जो हमें जीवन प्रदान करती हैं और हमारा पालन-पोषण करती हैं।