





इंद्राणी
Indrani
(Consort of Indra in Hindu mythology)
Summary
इंद्राणी: स्वर्ग की रानी (Indrani: The Queen of Heaven)
यह लेख हिंदू धर्म की देवी, इंद्राणी के बारे में है जो शची के नाम से भी जानी जाती हैं।
सुंदरता और शक्ति का प्रतीक: इंद्राणी को अत्यंत सुंदर, गौरवशाली और दयालु देवी के रूप में वर्णित किया गया है। वह देवताओं के राजा, इंद्र की पत्नी हैं। उन्हें शक्ति और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।
जन्म और विवाह: इंद्राणी असुर पुलोमन की पुत्री हैं। कई पुरुष उनकी सुंदरता और आकर्षण के कारण उनसे विवाह करना चाहते थे। इंद्र ने वृत्रासुर का वध करने के बाद तपस्या की, इस दौरान नहुष नामक एक मृत्युलोक के राजा को स्वर्ग का शासक चुना गया। नहुष ने इंद्राणी को अपनी रानी बनाने का प्रयास किया, लेकिन इंद्राणी ने चतुराई से उसे राजगद्दी से हटा दिया और बाद में अपने पति इंद्र के साथ पुनर्मिलन किया।
सप्तमातृका और शक्तिवाद: इंद्राणी को सप्तमातृका (सात दिव्य माताएँ) में से एक माना जाता है, जो उन्हें हिंदू धर्म के एक प्रमुख संप्रदाय, शक्तिवाद में एक महत्वपूर्ण देवी बनाता है।
पूजा: इंद्राणी को शायद ही कभी एक स्वतंत्र देवता के रूप में पूजा जाता है। उन्हें अक्सर इंद्र के साथ पूरे भारत में पूजा जाता है।
अन्य धर्मों में: इंद्राणी का उल्लेख जैन धर्म और बौद्ध धर्म के ग्रंथों में भी मिलता है, जो उनकी व्यापक मान्यता को दर्शाता है।
Hindi Detail Explanation:
- इंद्र: देवताओं के राजा, जिन्हें वर्षा और वज्र का देवता माना जाता है।
- असुर: देवताओं के विरोधी, जिन्हें अक्सर दुष्ट माना जाता है।
- वृत्रासुर: एक शक्तिशाली असुर जिसे इंद्र ने मारा था।
- नहुष: चंद्रवंशी राजा जिसे इंद्र की अनुपस्थिति में स्वर्ग का राजा बनाया गया था।
- सप्तमातृका: सात दिव्य माताएँ, जो शक्ति के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- शक्तिवाद: हिंदू धर्म का एक प्रमुख संप्रदाय जो देवी को सर्वोच्च सत्ता मानता है।
This detailed explanation in Hindi provides a more comprehensive understanding of Indrani and her significance in Hinduism.