शाकम्भरी

Shakambhari

(Hindu goddess)

Summary
Info
Image
Detail

Summary

शाकम्भरी: पोषण की देवी (Goddess of Nourishment)

शाकम्भरी, जिसका अर्थ है "जो सब्जियों को धारण करती है", एक हिंदू देवी हैं जिन्हें पोषण और समृद्धि का अवतार माना जाता है। वह दुर्गा और लक्ष्मी दोनों का ही एक रूप मानी जाती हैं, और उन्हें अक्सर हरी साड़ी में, सब्जियों और फलों से सजी हुई, चित्रित किया जाता है।

कथा:

एक बार दुष्ट असुर दुर्गमासुर ने वेदों को चुराकर पृथ्वी पर हाहाकार मचा दिया। इसके कारण ऋषि-मुनियों को वेदों का ज्ञान भूल गया और पृथ्वी पर अकाल पड़ गया। लोग भूख से मरने लगे।

देवताओं और मनुष्यों की रक्षा के लिए, देवी पार्वती ने शाकम्भरी का रूप धारण किया। उन्होंने अपने शरीर से विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ और फल उगाए और लोगों को भोजन कराया। इस तरह शाकम्भरी ने पृथ्वी पर जीवन बचाया और दुर्गमासुर का नाश किया।

महत्व:

शाकम्भरी को खेती, प्रकृति और उर्वरता से जोड़ा जाता है। वह हमें याद दिलाती हैं कि पृथ्वी माँ हमारे लिए भोजन और जीवन प्रदान करती है, और हमें उसकी रक्षा करनी चाहिए।

अन्य नाम:

शाकम्भरी को शतक्षी के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है "सौ आँखों वाली"।

पूजा:

शाकम्भरी की पूजा पूरे भारत में, विशेष रूप से राजस्थान में की जाती है, जहाँ उनका एक प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।


Shakambhari, also referred to as Shatakshi, is a goddess of nourishment. She is regarded to be an incarnation of Mahadevi, and identified with both Lakshmi and Durga in Hinduism. After the malevolent asura Durgamasura deprived the earth of nourishment by causing the sages to forget the Vedas, the goddess appeared to offer human beings and devas sufficient fruits and vegetables to restore their strength.



...
...
...
...
...
An unhandled error has occurred. Reload 🗙