





मरुत
Maruts
(Ancient Hindu storm deities)
Summary
मारुत: हिंदू धर्म के प्रचंड वायु देवता
हिंदू धर्म में, मारुत (संस्कृत: मरुत), जिन्हें मारुतगण और कभी-कभी रूद्र भी कहा जाता है, प्रचंड वायु देवता और रूद्र और प्रिस्नी के पुत्र हैं। मारुतों की संख्या 27 से साठ (ऋग्वेद 8.96.8 में तीन गुना साठ) तक मानी जाती है।
मारुतों का स्वरूप और शक्ति:
- प्रचंड और आक्रामक: मारुत बहुत ही हिंसक और आक्रामक होते हैं। वे शेरों की तरह दहाड़ते हैं और लोहे के दांतों वाले बताए गए हैं।
- स्वर्णिम अस्त्र-शस्त्र: उनके पास स्वर्णिम अस्त्र-शस्त्र होते हैं, जैसे बिजली और वज्र, जो उनकी शक्ति का प्रतीक हैं।
- उत्तरापथ के निवासी: वे उत्तर-पश्चिम दिशा में निवास करते हैं, जो वायु और तूफानों से जुड़ी दिशा मानी जाती है।
- स्वर्ण रथों पर सवार: वे लाल रंग के घोड़ों द्वारा खींचे गए स्वर्णिम रथों पर सवार होकर आते हैं, जो उनकी गति और शक्ति का प्रतीक है।
वेदों में मारुत:
वैदिक पौराणिक कथाओं में, मारुत इंद्र के साथी हैं और युवा योद्धाओं के दल के रूप में कार्य करते हैं। वे इंद्र की सहायता करते हैं और उनके साथ मिलकर असुरों से युद्ध करते हैं।
तुलनात्मक पौराणिक कथाओं में मारुत:
फ्रांसीसी तुलनात्मक पौराणिक कथाकार जॉर्जेस ड्यूमेज़िल के अनुसार, मारुत, नॉर्स पौराणिक कथाओं के 'एइनहेरजर' और 'वाइल्ड हंट' से मिलते-जुलते हैं। ये सभी समूह योद्धा आत्माओं के हैं जो आकाश में तूफान लाते हैं।
सारांश:
मारुत हिंदू धर्म में शक्तिशाली वायु देवता हैं, जो अपनी प्रचंडता, शक्ति और इंद्र के प्रति निष्ठा के लिए जाने जाते हैं।